अपनी ही घोषणा से पीछे हटे मुख्यमंत्री, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खुले रहने की दी थी अनुमति

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आईटी और स्टार्टअप कंपनियां की मांग पर इंदौर के बीआरटीएस कॉरिडोर पर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खुले रहने की अनुमति दी गई थी, जिसे नाइट कल्चर के नाम पर खूब बदनाम किया। जबकि शराब दुकानें, बार/ पब अपने निर्धारित समय पर ही बंद होना थे मगर इनकी अवैध गतिविधियां पहले की तरह जारी रही और आगे भी रहेंगी। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव खुद अपने ही फैसले पर कायम नहीं रह सके। 17 जून को उन्होंने एक्स पर लिखा था कि अब 24 घंटे खुलेंगे बाजार , बढ़ेगा व्यापार और राज्य की अर्थव्यवस्था को लगेंगे पंख। श्रम विभाग ने भी मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप नियमों में संशोधन कर दिए ताकि इंदौर सहित 16 शहरों में 24 घंटे बाजार खुले रह सके। मगर 30 दिनों के भीतर ही प्रदेश सरकार अपनी घोषणा से पलट गई और ताबड़तोड़ इंदौर में शुरू हुआ बीआरटीएस के दोनों तरफ़ बाजार खुला रखने का आदेश रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया। अब यह बात समझ से परे हैं कि जोर-जोर से 24 घंटे बाजारों को खुला रखने की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री को अचानक पीछे क्यों हटना पड़ा ? ऐसा लगता है उनके पास अभी भी उपयुक्त सलाहकारों का टोटा है और बीते कुछ दिनों से ये कमजोरी नजर भी आ रहीं है , फलस्वरूप शुरुआती दिनों के कड़े फैसलों वाली दृढ़ता गायब होने लगी है।