इंदौर। सीने में होने वाला हर एक दर्द हार्ट अटैक(heart attack) नहीं होता, दर्द कई प्रकार का हो सकता है । गैस, एसिडिटी व अन्य कारणों से भी सीने में दर्द हो सकता है लेकिन दर्द होने पर लापरवाही न बरतें और अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होकर तुरंत चिकित्सक के पास पहुंचे । 50 प्रतिशत हार्ट के मरीज तंबाकू व स्मोकिंग करने वाले होते हैं , स्मोकिंग के कारण खून गाड़ा होता है जिससे हार्ट अटैक की संभावना बनी रहती है।
मेदांता हॅास्पिटल के हार्ट स्पेशलिस्ट डॅाक्टर अलकेश जैन ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि सर्दियों के मौसम मे हार्ट अटैक के मरीज ज्यादा आते हैं , ऐसे में आवश्यकता है कि हम अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और सादगीपूर्ण जीवनशैली के साथ खानपान, योग, व्यायाम, पर ध्यान दें , ऐसा करने से 70 प्रतिशत अटैक से मौत होने पर नियंत्रण पाया जा सकता है । यदि घबराहट और पसीना तेजी से आता है तो ये भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो जीभ के नीचे डिसप्रिन गोली रखकर चूसें , खासकर डायबिटीज , बीपी के मरीज अपना खास ध्यान रखें क्योंकि इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों को साइलेंट अटैक आने का खतरा बना रहता है जिसमें दर्द के एहसास के बिना ही अटैक आ जाता है। इसलिये नियमित रूप से अपना चेकअप करवाते रहें , जिन लोगों को सीने में दर्द होता है वे बिना समय गवाए इमरजेंसी सर्विस के लिये फोन नंबर 1068 पर फोन कर सीधे इमरजेंसी रूम मे पहुंच सकते हैं , यहां 24 घंटे इमरजेेंसी डॅाक्टर उपलब्ध है , यहां ईसीजी के उपरांत यदि हार्ट अटैक के लक्षण पाये जाते हैं तो दो विकल्प होते हैं, पहला खून पतला करने का इंजेक्शन और दूसरा एंजियोप्लास्टी। बहुत सारी स्टडीज में पता चला है कि एंजियोप्लास्टी बेहतर विकल्प है क्योंकि खून पतला करने के इजेक्शन के साईड इफेक्ट भी होते हैं। हार्ट अटैक की बीमारी में सबसे महत्वपूर्ण समय पर निर्णय लेना होता है। देखा गया है कि एक्यूट अटैक में बिना इलाज के मरने वालो की दर 40 प्रतिशत है जो बिना अस्पताल पहुंचे ही दम तोड़ देते हैं। बिना समय गवाए लिया गया निर्णय मरीज की जान बचा सकता है ।