भारत में हर साल लोगों को अपनी आय पर टैक्स भरना पड़ता है, विशेषकर उन लोगों को जो इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। लेकिन भारत में एक ऐसा राज्य है, जहां पर लाखों-करोड़ों कमाने पर भी लोगों से कोई टैक्स नहीं लिया जाता। यह राज्य है सिक्किम, जहां के निवासी अपनी पूरी कमाई पर टैक्स से मुक्त रहते हैं। सिक्किम में रहने वालों के लिए यह एक बड़ी राहत की बात है, क्योंकि यहां के लोग बिना टैक्स के अपनी पूरी कमाई का उपयोग कर सकते हैं।
सिक्किम में टैक्स की छूट: एक विशेष प्रावधान
सिक्किम, जो भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में स्थित है, में रहने वाले लोगों को इनकम टैक्स से पूरी तरह से छूट दी गई है। सिक्किम के लोग कृषि, पर्यटन और हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी जैसे क्षेत्रों से अपनी आय अर्जित करते हैं। इनकम टैक्स की छूट के कारण यहां के लोग अपनी कमाई को पूरी तरह से बचा पाते हैं, जिससे यह राज्य आर्थिक रूप से अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों की तुलना में कहीं अधिक विकसित और समृद्ध बन गया है। सिक्किम की जनसंख्या वर्तमान में करीब 6.32 लाख है, और यह राज्य अपनी अद्वितीय स्थिति के कारण विशेष महत्व रखता है।
सिक्किम को टैक्स में राहत मिलने का इतिहास
सिक्किम को टैक्स में छूट मिलने के पीछे एक ऐतिहासिक कारण है। सिक्किम 1975 से पहले एक स्वतंत्र राज्य था, लेकिन 1975 में यह भारत का हिस्सा बना। इससे पहले 1950 में भारत और सिक्किम के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें सिक्किम के राजा चोग्याल ताशी नामग्याल ने कुछ शर्तें रखी थीं। उन शर्तों में एक यह भी थी कि सिक्किम के निवासी को इनकम टैक्स से राहत दी जाए। इस समझौते के तहत, सिक्किम को विशेष दर्जा मिला और राज्य के लोगों को टैक्स में छूट का लाभ दिया गया।
टैक्स छूट का कानूनी आधार
सिक्किम को इनकम टैक्स से राहत देने का कानूनी आधार इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 10(26AAA) में छिपा हुआ है। इस धारा के तहत, सिक्किम के निवासी जिनके पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट था, उन्हें आयकर में छूट दी गई। इस छूट का लाभ राज्य के 95 फीसदी लोग उठाते थे। हालांकि, 1989 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह नियम बदल गया, और अब उन लोगों को भी इनकम टैक्स में छूट मिलती है, जिनके पास सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट नहीं था।
सिक्किम की टैक्स नीति और उसके प्रभाव
सिक्किम की टैक्स छूट नीति न केवल स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद रही है, बल्कि इसने राज्य के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस छूट के कारण यहां के लोगों की बचत में इजाफा हुआ है, और उन्हें अधिक निवेश के अवसर मिले हैं। इसके परिणामस्वरूप सिक्किम के पर्यटन, कृषि और अन्य क्षेत्रों में भी निरंतर विकास हुआ है।