एमपी में दिसंबर से सड़कों पर दौड़ेगी ई-बसें, नए डिपो निर्माण की तैयारियां हुई तेज

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By Raj RathorePublished On: September 20, 2025

भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) ने एक बार फिर से ई-बस सेवा को शुरू करने का दावा किया है। संस्था का कहना है कि दिसंबर 2025 से शहर की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने लगेंगी। गौरतलब है कि इससे पहले तीन बार इस तरह की घोषणाएं की जा चुकी हैं, लेकिन हर बार वादे अधूरे रह गए। अगर इस बार योजना हकीकत में बदलती है तो यह भोपाल के नागरिकों के लिए बड़ी राहत साबित होगी। फिलहाल लोग ई-रिक्शा और ब्लू लाइन बसों पर निर्भर होकर किसी तरह अपने सफर पूरे कर रहे हैं, जबकि उन्होंने महंगी दरों पर महापौर पास लेकर लो फ्लोर बसों में सफर की उम्मीदें पाली थीं।

पहले चरण में 100 बसें, नए डिपो का निर्माण

पीएम ई-बस सेवा के पहले फेस में 100 इलेक्ट्रिक बसें भोपाल को मिलेंगी। इन बसों को संचालित करने के लिए संत हिरदाराम नगर और कस्तूरबा नगर में नए डिपो बनाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, नए बस ऑपरेटर का चयन कर लिया गया है और दिसंबर तक बसों का पहला लॉट सड़क पर उतरने की योजना है। इसके बाद दूसरे चरण में 95 और बसें आएंगी, जिनके लिए आरिफ नगर और कोलार रोड पर नए डिपो तैयार किए जाएंगे।

सांसद और विधायकों ने जताई नाराजगी

शहर की बस सेवा की बिगड़ती हालत को लेकर सांसद आलोक शर्मा ने भी चिंता जताई। उन्होंने निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण से पूछा कि आखिर 368 सिटी बसों में से सिर्फ 95 ही क्यों चल रही हैं और शेष बसें डिपो में खड़ी क्यों कर दी गई हैं। सांसद की इस नाराजगी पर विधायक भगवानदास सबनानी ने भी सहमति जताते हुए कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाना चाहिए, लेकिन यहां स्थिति उल्टी है। आंकड़ों के अनुसार, BCLL के चार बस ऑपरेटरों में से 94% बसें फिलहाल बंद पड़ी हैं।

महापौर पास की सुविधा जारी रहेगी

ई-बसों में भी यात्रियों को महापौर पास की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए बस ऑपरेटरों को अलग से राशि प्रदान की जाएगी। इस सुविधा के अंतर्गत छात्र-छात्राएं, दिव्यांगजन, महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और कर्मचारी विभिन्न श्रेणियों में कम दर पर यात्रा कर सकेंगे। यह कदम नागरिकों के लिए बड़ी राहत साबित होगा और उनकी जेब पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

विधानसभा तक पहुंचा मुद्दा

पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली का मुद्दा अब विधानसभा तक पहुंच चुका है। बताया गया कि एक साल के भीतर शहर की सड़कों से करीब ढाई सौ सिटी बसें गायब हो गईं। पहले जहां 25 रूट पर 368 बसें दौड़ा करती थीं, वहीं अब केवल 95 बसें ही यात्रियों को सुविधा दे रही हैं। इस स्थिति ने महिला स्टूडेंट्स और नौकरीपेशा लोगों के सामने गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। हर दिन लगभग 1 लाख से अधिक लोग बसों की कमी से परेशान हो रहे हैं।