नींद सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हमारे शरीर और मन दोनों को विश्राम मिलता है। नींद की अधिकता या कमी दोनों ही सेहत के लिए नुकसानदायक होती है। अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नींद महत्वपूर्ण है। नींद की अधिकता और कमी दोनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। अच्छी नींद के लिए कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर के डॉक्टर रवि दोसी, कन्सल्टेन्ट, पल्मोनरी मेडिसिन, कुछ खास जानकारियां दे रहे हैं-
शारीरिक स्वास्थ्य
डॉ. रवि दोसी का कहना है कि हमारे शरीर के सभी अंग नींद के समय रिपेयर होते हैं जिससे शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। यदि कम नींद लेंगे तो शरीर में अंगों के रिपेयर होने की प्रोसेस प्रभावित होती है। समय पर सोने से शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है और यह उन्हें मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही, नींद से शरीर की ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है।
नींद के दौरान क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत होने के साथ ही हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जो रोगों से लड़ने में मदद करती है। नींद हमारे हार्मोन को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नींद की कमी से इंसुलिन, कोर्टिसोल, लेप्टिन घ्ऱेलीनजैसे हार्मोन में असंतुलन हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ना, मधुमेह और अन्य चयापचय संबंधी विकार हो सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य
नींद से मानसिक तनाव कम होता है। नींद के दौरान मन को भी आराम मिलता है। नींद के दौरान मेमोरी सेल्स बनते हैं। यह स्मृति, एकाग्रता और संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करने में मदद करता है। दूसरी ओर, नींद की कमी से चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, चिंता और अवसाद हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार
हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नींद आवश्यक है। नींद के दौरान हमारी हृदय गति और रक्तचाप कम हो जाता है, जो हमारे हृदय पर तनाव को कम करने में मदद करता है। नींद की लगातार कमी उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है।
अच्छी नींद के लिए क्या सही और क्या नहीं
आजकल की लाइफस्टाइल में परिवर्तन नींद में कमी का सबसे बड़ा कारण माना जा सकता है। सोशल मीडिया और मोबाइल की लत के कारण तनाव बढ़ने लगा है, जिससे नींद कम होना आम है। डॉक्टर की मानें तो स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नींद का उचित समय निर्धारित करना चाहिए। रात में अधिक देर तक जगना, देर रात पार्टियों में जाना, देर रात तक मोबाइल या टीवी देखने से नींद प्रभावित होती है।
उचित समय पर सोना और उचित समय पर उठना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए जरुरी है। यही नहीं कई लोग रात में खाना खाकर तुरंत सो जाते हैं जिससे नींद खराब हो सकती है इसलिए ध्यान रखें कि रात में आपके खाने के समय और सोने के समय के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें। अच्छी नींद कम से कम 6-8 घंटे की होनी चाहिए। आजकल बच्चों में भी यह समस्याएं देखी जा रही है जिसका कारण है कि बच्चे मोबाइल पर कई घंटों तक गेम खेलने या वीडियो देखने में व्यस्त रहते हैं।
जिससे उनकी आंखों पर प्रभाव पड़ने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड़ता है और वे उचित नींद नहीं ले पाते हैं। बच्चों के लिए कम से कम 8-10 घंटे की नींद जरूरी है इसके लिए बच्चों में मोबाइल की लत न डाले और उनकी नींद का सही समय तय करें। यदि नींद की समस्या से अधिक परेशान है तो डॉक्टर से संपर्क करें और ज्यादा परेशानी आने पर ऐसे अस्पताल जाएं जहां फुल टाईम स्पेशिलिटी सिस्टम की सुविधा दी गई हो।
Source : PR