MP में बदनावर-पेटलावद-थांदला मार्ग को चार लेन सड़क में विकसित करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। इस परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण का काम पहले ही शुरू हो चुका है। प्रशासन ने इस संबंध में राजपत्र में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार, क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी को भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो आगे की सभी जरूरी कार्रवाई पूरी करेंगे।
नया मार्ग, नए सवाल
बदनावर-पेटलावद-थांदला मार्ग अब क्षेत्र के निवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिसका समाधान सभी ढूंढना चाहते हैं। इस समस्या के समाधान से कुछ लोगों को लाभ होगा, वहीं कई लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। क्योंकि इस दो लेन मार्ग के आसपास पूरे इलाके का व्यापार केंद्रित है।

भूमि अधिग्रहण के लिए चुने गए गांव
इस संबंध में राजपत्र में उन गांवों और कस्बों की सूची भी प्रकाशित की गई है, जिनकी जमीन अधिग्रहण के दायरे में आएगी। सूची के अनुसार, पेटलावद तहसील के बड़े कस्बे जैसे पेटलावद, करड़ावद, सारंगी के साथ-साथ नाहरपुरा, उन्नई, टेमरिया, पंथबोराली, बाछीखेडा, छावनी, भाभरापाड़ा, कुंडियापाड़ा, हिंडोला, बावड़ी, बेंगनबर्डी, छायनपाड़ा, मोहनपुरा, कसारबर्डी, खोरिया, छोटी बोलासा सहित कई गांवों की भूमि अधिग्रहण के लिए जिम्मेदार अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इसी प्रकार, बदनावर और थांदला तहसील में भी प्राधिकारी नियुक्ति की गई है।
सारंगी के निवासियों का विरोध तेज़
रोड निर्माण को लेकर सामने आ रहे बयानों के विरोध में, हाल ही में सारंगी के निवासियों ने सारंगी चौपाटी पर प्रस्तावित ओवरब्रिज के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ओवरब्रिज के निर्माण से चौपाटी पर चलने वाला रोजगार पूरी तरह खत्म हो सकता है। वहीं, करड़ावद और पेटलावद के बीच नए मार्ग को लेकर भी कई संभावनाएं सामने आ रही हैं। अब सवाल यह है कि यह मार्ग आखिर कहां से होकर गुजरेगा।