केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) द्वारा संचालित स्कूल देशभर में सरकारी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रतीक माने जाते हैं। ये स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से मान्यता प्राप्त हैं और अपने उच्च शैक्षणिक स्तर, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी के लिए विख्यात हैं। कम फीस में बेहतरीन सुविधाएं देने वाले इन स्कूलों में लाखों बच्चे पढ़ते हैं।
अगर आप मध्यप्रदेश में अपने बच्चे के लिए एक गुणवत्तापूर्ण लेकिन किफायती स्कूल की तलाश कर रहे हैं, तो यहां प्रदेश के शीर्ष 5 केंद्रीय विद्यालयों की जानकारी दी जा रही है।

केंद्रीय विद्यालय, अलीराजपुर
मध्यप्रदेश के अलीराजपुर में स्थित यह केंद्रीय विद्यालय प्राइमरी स्तर की शिक्षा के लिए जाना जाता है। यहां पहली से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है और यह पूरी तरह सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार संचालित होता है। यह कोएड स्कूल है, जहां लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ाई करते हैं।
शामगढ़ का केंद्रीय विद्यालय
शामगढ़ और आसपास के इलाकों के लिए यह केंद्रीय विद्यालय एक बेहतरीन विकल्प है। यह भी एक प्राइमरी स्कूल है जिसमें पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाया जाता है। यहां पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होता है।
केंद्रीय विद्यालय, नर्मदा नगर
नर्मदा नगर स्थित यह स्कूल पहली से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए उपलब्ध है। यह एक कोएड विद्यालय है और सीबीएसई के सभी मानकों का पालन करता है। खेलकूद के क्षेत्र में भी यह स्कूल छात्रों को प्रेरित करता है, जिससे बच्चे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से सशक्त बनते हैं।
केंद्रीय विद्यालय, बड़वानी
बड़वानी में मौजूद यह विद्यालय भी पहली से बारहवीं तक की शिक्षा प्रदान करता है। सीमित बजट में अच्छी पढ़ाई की चाह रखने वाले माता-पिता के लिए यह विद्यालय एक आदर्श विकल्प है। यहां विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ कंप्यूटर, लाइब्रेरी और विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
अंबाह का केंद्रीय विद्यालय
अंबाह का केंद्रीय विद्यालय प्राइमरी स्तर तक की शिक्षा प्रदान करता है। पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को सीबीएसई पैटर्न के अनुसार पढ़ाया जाता है। यह स्कूल बच्चों को आवश्यक बुनियादी सुविधाओं जैसे लाइब्रेरी, प्रयोगशालाएं और खेल सामग्री उपलब्ध कराता है। सीमित वर्गों के बावजूद यहां बच्चों को मजबूत शैक्षिक आधार देने का प्रयास किया जाता है।