jayram shukla

बजट पर एक चैनलिया बहस

बजट पर एक चैनलिया बहस

By Ayushi JainFebruary 2, 2022

बैठे-ठाले/ जयराम शुक्ल अपने देश में बजटोत्सव (budget festival) वैसे ही एक अपरिहार्य कर्मकाण्ड है, जैसे कि वार्षिक श्राद्ध (Annual Shradh)। श्राद्ध शोकोत्सव है, शोक भी उत्सव भी। अपने देश

गणतंत्र की मुंडेर पर बैठे हुए महाजनों से ‘रामराज्य’ की बात!

गणतंत्र की मुंडेर पर बैठे हुए महाजनों से ‘रामराज्य’ की बात!

By Suruchi ChircteyJanuary 26, 2022

जयराम शुक्ल क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि रोशन रंगीनियों के जमाने में अपने देश की तस्वीर कुछ ज्यादा ही श्वेत-श्याम बनकर उभर रही है?  भारत के आँगन में ताड़

लाटसाहबियत पर सवारी, गाँठने को कलेजा चाहिए !

लाटसाहबियत पर सवारी, गाँठने को कलेजा चाहिए !

By Suruchi ChircteyJanuary 24, 2022

जयराम शुक्ल गोविंदनारायण सिंह(Govind Narayan Singh) मध्यप्रदेश के सबसे पढ़े-लिखे और मेधावी राजनेता रहे। संविदकाल में जब वे मुख्यमंत्री (CM) बने तो उनके कई किस्से मशहूर हुए। आरव्हीपी नरोन्हा (RVP

जेपी और नानाजी- राजनीति के जंगल में शुचिता के द्वीप !

जेपी और नानाजी- राजनीति के जंगल में शुचिता के द्वीप !

By Akanksha JainOctober 11, 2021

जयंती/जयराम शुक्ल अक्टूबर का महीना बड़े महत्व का है। पावन,मनभावन और आराधन का। भगवान मुहूर्त देखकर ही विभूतियों को धरती पर भेजता है। 2 अक्टूबर को गांधीजी, शास्त्रीजी की जयंती

पत्रकारों का तीर्थ, राजेन्द्र माथुर का बदनावर

पत्रकारों का तीर्थ, राजेन्द्र माथुर का बदनावर

By Akanksha JainOctober 1, 2021

जयराम शुक्ल धार के पत्रकार मित्रों ने जब यह शुभ सूचना दी कि बदनावर में राजेन्द्र माथुरजी की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा सुनिश्चित की गई है तो यकीन मानिए इतनी खुशी

मच्छरकांड पर एक पुरानी टीप को पढ़ते हुए!

मच्छरकांड पर एक पुरानी टीप को पढ़ते हुए!

By Akanksha JainFebruary 20, 2021

जयराम शुक्ल   हाल ही घटित गेस्टहाउस  मच्छर कांड पर विचार करते हुए अपनी लिखी हुई एक पुरानी टीप याद आ गई।   छह सात पहले का वाकया है एक

कमलेश्वरजी को याद करते हुए……

कमलेश्वरजी को याद करते हुए……

By Akanksha JainJanuary 6, 2021

पिछले पैतीस साल की पत्रकारीय यात्रा में मेरे दिल-ओ-दिमाग में जिन कुछ शख्सियतों की गहरी छाप रही है उनमें से कमलेश्वर जी प्रमुख हैं। आज उनका जन्मदिन है। कमलेश्वर जी

इन्हें चिंदियों में हिंदुस्तान चाहिए!

इन्हें चिंदियों में हिंदुस्तान चाहिए!

By Akanksha JainDecember 29, 2020

-जयराम शुक्ल अरुंधती राय को कौन नहीं जानता? चिंदियों का देवता(गाड आफ स्माल थिंग) नामक उपन्यास के लिए इन्हें बुकर पुरस्कार मिला है। इस नाते वे अंर्तराष्ट्रीय बौद्धिक व्यक्तित्व हैं।

भारत-पाक रिश्ते और अटल जी: “इतिहास बदल सकते हैं भूगोल नहीं मित्र बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं..!”

भारत-पाक रिश्ते और अटल जी: “इतिहास बदल सकते हैं भूगोल नहीं मित्र बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं..!”

By Ayushi JainDecember 25, 2020

जन्मजयंती/जयराम शुक्ल विश्व के राजनीतिक के पटल में भारत के दो महान नेता ऐसे हुए जिन्हें शांति के नोबल पुरस्कार के लिए सर्वथा उपयुक्त माना गया लेकिन उन्हें मिला नहीं..।

सुना आपने! हाय हाय मोदी मर जा तू

सुना आपने! हाय हाय मोदी मर जा तू

By Shivani RathoreDecember 21, 2020

जयराम शुक्ल मेरी दादी माँ कहा करती थी- “जेखा जेतनिन गारी मिलति है ओखर उतनै उमिर बढ़ति है तूँ ओखर जवाब भर न दिहे कबौ”। यानी कि जिसको जितनी गालियां

अउर देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्व सुख करई

अउर देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्व सुख करई

By Akanksha JainNovember 13, 2020

जयंती पर विशेष/जयराम शुक्ल अपन के गुरुदेव बजरंग बली हैं। गोस्वामी जी कह गए.. अउर देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्व सुख करई। गोसाईं जी के लिए बजरंगबली देवता,

जो न समझे वो अनाड़ी है!

जो न समझे वो अनाड़ी है!

By Mohit DevkarSeptember 20, 2020

साँच कहै ता/जयराम शुक्ल एक मित्र सायकिल की दुकान पर मिल गए। बाहर उनकी चमचमाती कार खड़ी थी।  मैंने पूछा-यहां कैसे? वो बोले- डाक्टर ने कहा सायकिल से चला करिए

लौह व्यक्तित्व के भीतर धड़कता एक कवि हृदय

लौह व्यक्तित्व के भीतर धड़कता एक कवि हृदय

By Mohit DevkarSeptember 17, 2020

जन्मदिन/जयराम शुक्ल संवेदना, कला-संस्कृति व साहित्य प्रेम के संदर्भ में भी नरेन्द्र मोदी अटलविहारी वाजपेई के वैचारिक वंशधर हैं। उनका कवि पक्ष बहुत कम प्रकाश में आया है..जबकि उन्होंने गुजराती

कौव्वे हमारे पुरखे, इसलिए!

कौव्वे हमारे पुरखे, इसलिए!

By Mohit DevkarSeptember 13, 2020

साँच कहै ता/जयराम शुक्ल पितरपख लगा है कौव्वे कहीं हेरे नहीं मिल रहे। इन पंद्रह दिनों में हमारे पितर कौव्वे बनके आते थे। अपने हिस्से का भोग लगाते थे। कौव्वे

‘एक रुपये’ से समझिए औकात और हैसियत!

‘एक रुपये’ से समझिए औकात और हैसियत!

By Mohit DevkarSeptember 6, 2020

उलटबांसी/जयराम शुक्ल हैसियत का मतलब औकात नहीं होता..जनाब। प्रशांत भूषण की हैसियत अरबों रुपयों की है पर औकात..? सिर्फ ..एक रुपये की। सुप्रीम कोर्ट ने बस इतने का ही आँकलन

शिक्षा-नीति को चौराहे की कुतिया बनाने वालों से

शिक्षा-नीति को चौराहे की कुतिया बनाने वालों से

By Mohit DevkarSeptember 5, 2020

साँच कहै ता/जयराम शुक्ल तीज त्योहारों की तरह हर साल शिक्षक दिवस भी आता है। पूजाआराधना में जैसे गोबर की पिंडी को गणेश मानकर पूज लिया जाता है वैसे ही

भला ऐसा समाजवाद और कहां

भला ऐसा समाजवाद और कहां

By Mohit DevkarAugust 31, 2020

पर्व संस्कृति/जयराम शुक्ल विपत्ति में हमारी आस्था और विश्वास और भी प्रबल हो जाता है। कोरोना का यह भयकाल भी इसके आड़े नहीं आ सका। घर-घर गणेश जी बिराजे हैं।

बदला तो काफी कुछ है, बशर्ते देखना चाहें तो

बदला तो काफी कुछ है, बशर्ते देखना चाहें तो

By Mohit DevkarAugust 28, 2020

समर्थ भारत/ जयराम शुक्ल लालकिले की प्राचीर पर पंद्रह अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार सातवीं बार तिरंगा ध्वज फहरा रहे थे तब ऐसा लग रहा था मानो विश्व

आँकडें और आदमी

आँकडें और आदमी

By Akanksha JainAugust 25, 2020

जयराम शुक्ल जिस किसी ने आँकडों की परिकल्पना की और सांख्यिकीशास्त्र रचा, वह निश्चित ही महान ही रहा होगा। उसने व्यवस्था तंत्र को बड़ी सहूलियत बख्श दी। आँकड़े न होते

आपकी इंदौरियत को मेरा सलाम पहुंचे!

आपकी इंदौरियत को मेरा सलाम पहुंचे!

By Akanksha JainAugust 21, 2020

सबसे अलग/जयराम शुक्ल समय का पहिया अपनी गति से घूमता है, कभी उत्थान तो कभी पतन। इसीलिए कहते हैं कि घूरे के दिन भी फिरते हैं। आज जो हेय है