jayram shukla

अटलजीः गठबंधन धर्म के प्रवर्तक

अटलजीः गठबंधन धर्म के प्रवर्तक

By Ayushi JainAugust 16, 2020

जयराम शुक्ल “लोकतंत्र 51 बनाम 49 का खेल नहीं है । लोकतंत्र मूलतः परंपराओं, सहयोग और सहिष्णुता के आधार पर सत्ता में भागीदार बनाने का तंत्र है” -अटल बिहारी बाजपेयी

मेरे सपनों का भारत- मोहनदास करमचन्द गांधी

मेरे सपनों का भारत- मोहनदास करमचन्द गांधी

By Akanksha JainAugust 14, 2020

स्वतंत्रता दिवस मनाने से पहले पढ़ने और विचार करने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का यह आलेख प्रस्तुत है जिसे उन्होंने 15 अगस्त 1947 से पहले लिखा था। लेख में

राम, कृष्ण, मुक्ति संघर्ष और स्वतंत्रता

राम, कृष्ण, मुक्ति संघर्ष और स्वतंत्रता

By Akanksha JainAugust 13, 2020

जयराम शुक्ल ऋतुराज वसंत शौर्य, उत्सव और उत्सर्ग के लिए जाना जाता है तो पावस(वर्षा ऋतु) की हरीतिमा में पवित्रता, मुक्ति, विजय और क्रांति के सूत्र जुड़े है। सावन और

मरने से पहले जीना सीख ले

मरने से पहले जीना सीख ले

By Akanksha JainAugust 11, 2020

याद-ए-राहत/जयराम शुक्ल मुन्नाभाई एमबीबीएस.. हाँ 2003 में रिलीज राजकुमार हिरानी की यह फिल्म शायद हममें से सभी ने देखी होगी…। एक टपोरी (संजयदत्त) की बिंदास सहजता सबको नम कर देती

9 अगस्त वनवासी संस्कृति में ही गड़ी है हमारी गर्भनाल!

9 अगस्त वनवासी संस्कृति में ही गड़ी है हमारी गर्भनाल!

By Mohit DevkarAugust 9, 2020

विमर्श/जयराम शुक्ल रामायण कथा वनवासियों के पराक्रम और अतुल्य सामर्थ्य की कथा है, जिसमें उन्होंने राम के नेतृत्व में पूंजीवाद, आतंकवाद के पोषक साम्राज्यवादी रावण को पराजित कर सोने की

सह अस्तित्व और जीवन मूल्यों का मर्मस्पर्शी लोकपर्व: बहुला चौथ

सह अस्तित्व और जीवन मूल्यों का मर्मस्पर्शी लोकपर्व: बहुला चौथ

By Ayushi JainAugust 7, 2020

जयराम शुक्ल लोकपर्व और व्रत कथाएं सनातन से चली आ रही उदात्त संस्कृति के साक्षात् दर्शन हैं। उसमें निहित संदेश समाज को संजीवनी शक्ति देते हैं। इस समाज में सिर्फ़

सुषमा स्वराज को शत शत नमन, सच सुनने का साहस और सलीका चाहिए!

सुषमा स्वराज को शत शत नमन, सच सुनने का साहस और सलीका चाहिए!

By Mohit DevkarAugust 6, 2020

पुण्यस्मरण/जयराम शुक्ल सच सुनने का साहस जुजबी ही होता है। पश्चिम बंगाल में किसी ने कार्टून बनाया ममता दीदी ने उसे जेल भेज दिया। पर इस दौर में अपने ही

चित्रकूट : जहां पर राम ‘युगीन’ बन गए!

चित्रकूट : जहां पर राम ‘युगीन’ बन गए!

By Mohit DevkarAugust 6, 2020

आस्था/जयराम शुक्ल संवत 2077, भाद्रपद कृष्णपक्ष द्वितीया, बुधवार तदनुसार 5 अगस्त 2020 की तिथि इतिहास में एक युगांतरकारी प्रसंग के साथ दर्ज हो गई। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि अयोध्या

धरती और अनंत व्योम में, राम बसे हैं रोम रोम में

धरती और अनंत व्योम में, राम बसे हैं रोम रोम में

By Akanksha JainAugust 5, 2020

जयराम शुक्ल संवत 2077, भाद्रपद कृष्णपक्ष द्वितीया, बुधवार तदनुसार 5 अगस्त 2020 की तिथि इतिहास में एक युगांतरकारी प्रसंग के साथ दर्ज हो गई। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि अयोध्या

लोकतंत्र के तंत्रलोक का तिलस्म

लोकतंत्र के तंत्रलोक का तिलस्म

By Mohit DevkarAugust 2, 2020

जयराम शुक्ल देश की राजनीति में नागनाथ-सांपनाथ के दो पाले हैं, बुद्धिविलासी पलायनवादी अक्सर यही कहा करते हैं। पर अपने भैय्या जी इन दोनों से ऊपर हैं। राजनीति में तीसरा

अब किस दुनिया में जिएं प्रेमचंद के झूरी काछी और हीरा-मोती

अब किस दुनिया में जिएं प्रेमचंद के झूरी काछी और हीरा-मोती

By Mohit DevkarJuly 31, 2020

समाज/जयराम शुक्ल आज प्रेमचन्द जयंती है। आज के दिन प्रेमचंद बड़ी शिद्दत से याद किए जाते हैं। हमारे यहां एक रिवाज है जिसे न मानना हो उसको पूजना शुरु कर