jayram shukla

नशा और नंगई के बीच नौनिहाल !

नशा और नंगई के बीच नौनिहाल !

By Suruchi ChircteyJuly 7, 2023

× जयराम शुक्ल अब यह बताने की जरूरत नहीं कि मासूमों के साथ बलात्कार, हत्या और ऊपर पेशाब करने जैसे जघन्य अपराधों का सैलाब क्यों तेजी से उफनने लगा है।

सच के शीर्षासन पर झूठ का झंडा

सच के शीर्षासन पर झूठ का झंडा

By Suruchi ChircteyJune 15, 2023

× जयराम शुक्ल हमारे शहर में पुराने जमाने के खाँटी समाजवादी नेता हैं- दादा कौशल सिंह। खरी-खरी कहने में उनका कोई सानी नहीं। बात-बात में वे एक डायलॉग अक्सर दोहराते

बजट पर एक चैनलिया बहस

बजट पर एक चैनलिया बहस

By Suruchi ChircteyFebruary 2, 2023

× जयराम शुक्ल अपने देश में बजटोत्सव वैसे ही एक अपरिहार्य कर्मकाण्ड है, जैसे कि वार्षिक श्राद्ध। श्राद्ध शोकोत्सव है, शोक भी उत्सव भी। अपने देश का बजट भी ‘उनके’

यूं ही कोई नहीं बन जाता जननायक

यूं ही कोई नहीं बन जाता जननायक

By Suruchi ChircteyJanuary 19, 2023

× जयराम शुक्ल श्रीनिवास तिवारी रीवा से लेकर भोपाल दिल्ली तक यथार्थ से ज्यादा किवंदंती के जरिए जाने गए। दंतकथाएं और किवंदंतियां ही साधारण आदमी को लोकनायक बनाती हैं। विंध्य

व्यंग की ऐसी दर्दनाक मौत क्या सोचा था कभी..?

व्यंग की ऐसी दर्दनाक मौत क्या सोचा था कभी..?

By Suruchi ChircteyDecember 9, 2022

× जयराम शुक्ल शरद जोशी ने कोई पैतीस साल पहले “हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे” व्यंग्य निबंध रचा था। तब यह व्यंग्य था, लोगों को गुदगुदाने वाला। भ्रष्टाचारियों के सीने

मेरे बच्चों माफ करना, तुम्हें सुनाने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं

मेरे बच्चों माफ करना, तुम्हें सुनाने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं

By Suruchi ChircteyNovember 14, 2022

× जयराम शुक्ल संयुक्त परिवार के बिखरने के साथ सबकुछ बिखर गया। किस्सागोई भी, लोरी भी और टीपरेस,लुकाछिपी का खेल भी। मेरी दादी ने सैकड़ों कहानियां सुनाई होंगी। अइसे…अइसे एक

हमारे भीतर जो एक राक्षस है, आइए पहले उसका दहन करें

हमारे भीतर जो एक राक्षस है, आइए पहले उसका दहन करें

By Suruchi ChircteyOctober 5, 2022

× जयराम शुक्ल स्कूल के दिनों में फिल्में देखने की लत थी। बुरी इसलिए नहीं कहेंगे कि फिल्में भी एक पाठशाला ही होती हैं। कई बातें जो स्कूल में नहीं

पुरखों की विरासत और हम खुदगर्ज लोग

पुरखों की विरासत और हम खुदगर्ज लोग

By Suruchi ChircteySeptember 22, 2022

× जयराम शुक्ल पितरपक्ष समापन की बेला में है। इसके बाद मातृपक्ष शुरू होगा, यानी कि नौदुर्गा। पंद्रह दिन का पितृपक्ष, शरद और चैती नौदुर्गा को मिलाकर अठारह दिन का

ऐसे कापुरुषों का भगवान ही मालिक !

ऐसे कापुरुषों का भगवान ही मालिक !

By Suruchi ChircteyAugust 25, 2022

× जयराम शुक्ल हाल ही में एक घटना के बारे में पढ़ा और देखा भी कि एक दरोगा, एक बाबा के दरबार में जाकर कातिलों का सुराग पूछते हैं। टीवी

भोपाल ही जब बाबूलाल गौर को भूल जाए तो इस कृतघ्नता के लिए क्या कहिए

भोपाल ही जब बाबूलाल गौर को भूल जाए तो इस कृतघ्नता के लिए क्या कहिए

By Suruchi ChircteyAugust 23, 2022

× जयराम शुक्ल रविवार यानी की 21 अगस्त को बाबूलाल गौर (Babulal Gaur) की चौथी पुण्यतिथि (death anniversary) थी। पिछड़े-अगड़े की गाली-गलौज में बिंधी प्रदेश की भाजपा (BJP) गौर साहब

अटलजी का गठबंधन धर्म और आज की भाजपा

अटलजी का गठबंधन धर्म और आज की भाजपा

By Suruchi ChircteyAugust 18, 2022

× जयराम शुक्ल अटलबिहारी वाजपेयी की ‘गठबंधन धर्म’ की गई व्याख्या के उलट कोई पंद्रह दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना में कहा

राष्ट्रप्रेम, आवरण नहीं आचरण में दिखे

राष्ट्रप्रेम, आवरण नहीं आचरण में दिखे

By Suruchi ChircteyAugust 11, 2022

× जयराम शुक्ल इन दिनों तिरंगा अभियान चल रहा है, घर-घर तिरंगा, हर घर तिरंगा। सबकुछ पचहत्तर-पचहत्तर। यह उत्सव मनाने की भारतीय अदा है। कई महकमे अपना मूल काम छोड़कर

अग्निपथ से ही चलकर निखरेगा हमारे भारत का भविष्य!

अग्निपथ से ही चलकर निखरेगा हमारे भारत का भविष्य!

By Suruchi ChircteyJune 30, 2022

× जयराम शुक्ल भारतीय सेना (indian army) की अग्निपथ योजना (agneepath scheme) और अग्निवीरों ( agniveer) की भर्ती, इसको लेकर मचे बवाल और प्रायोजित आक्रोश के गरम तवे पर राजनीतिक

डॉ. लोहिया के सपने को मोदी ने यथार्थ में बदलकर दिखा दिया

डॉ. लोहिया के सपने को मोदी ने यथार्थ में बदलकर दिखा दिया

By Suruchi ChircteyJune 23, 2022

× जयराम शुक्ल एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का प्रत्याशी नामित करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उस सपने को यथार्थ में बदल दिया है जिसे 1952 में

रिस्क उठा नाम कमा डर के आगे जीत है बाजार

रिस्क उठा नाम कमा डर के आगे जीत है बाजार

By Suruchi ChircteyJune 9, 2022

× जयराम शुक्ल आज की उपभोक्ता संस्कृति में बाजार के रणनीतिकार गिद्धिदृष्टि संपन्न होते हैं। ग्राहक के अवचेतन मन में क्या चल रहा है उसे पल भर में भाँप लेते

छोटे शहरों में हो रहे हैं बड़े काम पर गुन के गाहक ही नहीं

छोटे शहरों में हो रहे हैं बड़े काम पर गुन के गाहक ही नहीं

By Suruchi ChircteyJune 2, 2022

× जयराम शुक्ल मेरे कई मित्र स्नेहवश अक्सर कहा करते हैं कि आप जैसे आदमी को तो किसी महानगर में होना चाहिए दिल्ली, मुम्बई छोड़ के यहाँ कहाँ रीवा में

चुनावी लोकतंत्र का पंचायतनामा

चुनावी लोकतंत्र का पंचायतनामा

By Suruchi ChircteyMay 26, 2022

× जयराम शुक्ल बात शुरू करते हैं अपने इलाके(रीवा) के सांसद से, जिन्हें सच बोलने की बीमारी है। इसके चलते वे अक्सर मुसीबत मोल लेते रहते हैं। आरक्षण के पेंच

धरती माता को बुखार, है कोई सुनने वाला!

धरती माता को बुखार, है कोई सुनने वाला!

By Mohit DevkarApril 22, 2022

× पृथ्वी दिवस/जयराम शुक्ल धरतीमाता का ताप साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल तापमान कुछ और डिग्री ज्यादा रहेगा, मौसम वैज्ञानिकों ने ऐसा अनुमान

चित्रकूट: जहां राम आकर युगीन बन गए

चित्रकूट: जहां राम आकर युगीन बन गए

By Mohit DevkarApril 10, 2022

× रामनवमी/जयराम शुक्ल विश्व में रामकथा सर्वश्रेष्ठ और कालजयी है। तुलसी जैसे सुधी कवियों ने प्रभु श्री राम की विशालता को इतना व्यापक बना दिया कि राम से बड़ा राम

इस बार की होली के रंग में कारुणिक नमी भी महसूस करिए!

इस बार की होली के रंग में कारुणिक नमी भी महसूस करिए!

By Akanksha JainMarch 18, 2022

× सबरंग/जयराम शुक्ल इस साल की होली, फाग का रंग करुणा से भींजा हुआ है। रंग में कश्मीरियों के आँसुओं की नमी घुली है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ की चर्चा चहुंओर