अगर आप तेज़ धूप में कोई सावधानी नहीं बरतते हैं तो सनबर्न होने का ख़तरा रहता है। लू तब लगती है जब शरीर का तापमान नियंत्रित करने वाला तंत्र कमजोर हो जाता है। लेकिन अगर आप सनबर्न के लक्षण जानते हैं तो आप समझ सकते हैं कि आपको समस्याऐ सनबर्न के कारण हो रही है या किसी और कारण से।
सनबर्न:
सनबर्न आमतौर पर मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे और मांसपेशियों को प्रभावित करता है। सनबर्न के कारण मूड में बदलाव आ सकता है। वे तनावग्रस्त हैं। हर छोटी-छोटी बात पर भ्रमित हो जाना। उन्हें बहुत गुस्सा आता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि मस्तिष्क पर गंभीर प्रभाव पड़ने के कारण व्यक्ति कोमा में चला जाता है।
सनबर्न के कारण किडनी और लीवर खराब हो जाते हैं:
सनबर्न के कारण किडनी और लीवर खराब हो जाते हैं जो लोग सनबर्न के शिकार होते हैं उन्हें मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ता है। सनस्ट्रोक के कारण हृदय की गति अनियमित हो जाती है। ऐसा महसूस होना कि शरीर की सारी ऊर्जा ख़त्म हो गई है। सनबर्न से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। सनबर्न के कारण आंखें धुंधली हो जाती हैं, शरीर की किडनी और लीवर खराब हो जाते हैं।
उल्टी, दस्त, बुखार:
अगर सनबर्न का असर ज्यादा हो तो उल्टी और दस्त भी हो जाते है। शरीर का तापमान बढ़ जाता है और बुखार हो जाता है। अत्यधिक प्यास के साथ चक्कर आना। वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों, छोटे बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर सूर्य का प्रभाव अधिक पड़ता है। स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए तेज़ धूप से दूर रहना ही बेहतर है।