भारतीय मुद्रा (Indian currency) रुपया, अमेरिकी डॉलर की तुलना में लगातार गिरता जा रहा है। एक डॉलर के मुकाबले 79.90 पर पहुँच चुका रुपया, किसी भी दिन 80 रुपया प्रति डॉलर के अनुपात को पार कर जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजार की मंदी का असर लगातार भारतीय घरेलू शेयर बाजार के ऊपर पड़ रहा है। भारतीय मुद्रा में अधिकतम व्यापार करने वाली देश की नामी कम्पनिया जहाँ अपने निवेशकों को फायदा पहुँचाने में असमर्थ दिख रही है , वहीं कुछ भारतीय कंपनियां शेयर बाजार के अनुभवी विशेषज्ञों की नज़र ने निवेशकों को लाभ पहुँचाने के स्थिति में हैं।
एचसीएल प्रौद्योगिकी टीसीएस, इनफ़ोसिस की है डॉलर में ज्यादा कमाई
भारतीय करंसी रुपया का लगातार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पिछड़ना जहां अधिकतम भारतीय कंपनियों के लिए बुरी खबर है, वहीं कुछ कम्पनिया ऐसी भी हैं जो डॉलर के मजबूत होने से खुद भी मजबूत हो रही हैं। इसका कारण है इन कंपनियों का अमेरिकी डॉलर में अधिक व्यापार और आमदनी होना। एचसीएल प्रौद्योगिकी (HCL Technologies) टीसीएस ( Tata Consultancy Services ), इनफ़ोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा ऐसी भारतीय कंपनियां हैं जिन्हे डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से फायदा होने वाला है। इन कंपनियों की अधिकतम आमदनी अमेरिकी डॉलर में है, जोकि अभी रूपये की तुलना में काफी मजबूत स्थिति में है। भारतीय करंसी रुपए में इन कंपनियों का लेनदेन अन्य बड़ी भारतीय कंपनियों की तुलना में न्यूनतम है। इन कंपनियों को औसत 50 प्रतिशत आमदनी अमेरिकी डॉलर में होती है।
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विशेषज्ञों की राय में इन कंपनियों में निवेश दे सकता है फायदा
शेयर बाजार के अनुभवी विशेषज्ञ उपरोक्त लिखित कंपनियों में निवेश को भविष्य में फायदेमंद बता रहे हैं। भारतीय करंसी रुपए में आ रही लगातार अंतर्राष्ट्रीय गिरावट से भारतीय मुद्रा में व्यापार करने वाली कंपनियां अभी निवेशकों को फायदा पहुँचाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में अमेरिकी डॉलर में आमदनी करने वाली कंपनियों में निवेश ज्यादा सुरक्षित और लाभदायक सिद्ध हो सकता है ऐसा विशषज्ञों का मानना है।