भोपाल: सिंधिया खेमे में मंत्री मंडल के विस्तार को लेकर हलचल बढ़ गई है। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सिंधिया खेमे के दो मंत्रियों और एक पूर्व मंत्री ने की सरकार के एक मंत्री से मिलकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। भाजपा संघठन सूत्रों के अनुसार परिवहन विभाग अब भाजपा के खेमे के मंत्री को दिया जायेगा लेकिन सिंधिया खेमे के मंत्री को नही दिया जाएगा।
इसको लेकर करीब डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई। बता दे, सिंधिया समर्थक दोनों पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट और गोविन्द राजपूत को मंत्री बनाने का शपथ सादे कार्यक्रम में 8 दिसंबर को होना तय हुआ था। सूत्रों के अनुसार विभाग बंटवारे को लेकर हुए विवाद के कारण शपथ कार्यक्रम टाल दिया गया है। सिंधिया और मुख्यमंत्री के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है।
जानकारी के अनुसार केन्द्रीय भाजपा संघठन और सिंधिया के बीच भी बातचीत केन्द्रीय संघठन ने विस्तार मे सिंधिया समर्थक मंत्रियों की संख्या कम कर भाजपा के वरिष्ठ विधायकों को महत्व देने की बात कही गई है। विंध्य में राजेन्द्र शुक्ल, केदार नाथ शुक्ला, गिरीश गौतम, नागेन्द्र सिंह नागौद,नारायण त्रिपाठी,रामलल्लू वैश्य,महाकौशल में संजय पाठक,अजय विश्नोई, जालम सिंह पटेल, अशोक रोहाणी,नंदनी मरावी,देवसिंह सैय्याम, गौरी शंकर बिसेन,बुन्देलखंड से दलित नेता प्रदीप लारिया, मध्यभारत से डा सीता शरण शर्मा,
मालवा क्षेत्र के बडे शहर इन्दौर में भाजपा संघठन से एक भी मंत्री नही बनाया गया वही संघ के गढ मंदसौर से यशपाल सिंह सिसोदिया धार से नीना वर्मा, सहित एक दर्जन वरिष्ठ विधायकों को मंत्री मंडल में स्थान देने को लेकर संघ और संघठन मंथन जारी है। मौजूद सरकार के कई वरिष्ठ और नये मंत्रियों को विश्राम देने पर चर्चा चल रही है सिंधिया के कुछ विधायकों को केवल चुनाव जीतने के लिए मंत्री बनाया गया था, जिनमें कुछ पराजित हो चुके है।