शालिग्राम पत्थर (Shaligram rock) को कुछ लोग अपने घर के मंदिर या पूजा स्थल पर भी रखते हैं. इसे घर में रखने से न सिर्फ भगवान विष्णु खुश रहते है, बल्कि धन की देवी मां लक्ष्मी का भी स्नेह और आशीर्वाद मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम (Shaligram)को घर में स्थापित करने के बाद कुछ बहुत ही विशेष नियमों की अनदेखी मनुष्य को बुरी तरह बर्बाद भी कर देती है.
अयोध्या में रामलाल की प्रतिमा बनाने के लिए नेपाल से शालिग्राम की बहुत ही खास शिलाएं मंगवाई गई हैं. सनातन धर्म में शालिग्राम स्टोन को साक्षात भगवान विष्णु का अवतार माना गया है और भगवान राम विष्णु जी के ही सातवें स्वरुप माने जाते हैं. शालिग्राम को कुछ लोग अपने घर के मंदिर या पूजा के स्थान पर रखते हैं. इसे घर में रखने से न सिर्फ भगवान विष्णु प्रसन्न रहते है, बल्कि धन की देवी माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम को घर में स्थापित करने के बाद कुछ खास नियमों की अनदेखी इंसान को बर्बाद भी कर देती है.
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चावल न करें अर्पित
एस्ट्रोलॉजर का कहना है कि शालिग्राम भगवान पर कभी भी अक्षत मतलब चावल नहीं अर्पित करना चाहिए. हर माह आने वाली एकादशी भगवान श्री हरि विष्णु को ही समर्पित होती है और इसमें भी श्री हरि को अक्षत नहीं चढ़ाए जाते हैं.
खुद की कमाई से घर लाए शालिग्राम शिला(Shaligram shila)
यदि आप अपने घर में शालिग्राम शिला की स्थापना करना चाहते हैं तो अक्सर अपनी मेहनत की कमाई से ही इसे खरीदकर घर लाएं. ये न तो किसी गृहस्थ व्यक्ति को सौगात के रूप में देना चाहिए और न ही किसी से उपहार के रूप में लेना चाहिए. आप या तो इसे अपनी कमाई से खरीद सकते हैं या फिर किसी साधु-संत से ले सकते हैं.
घर में एक ही रखें शालिग्राम शिला(Shaligram shila)
शालिग्राम के इस्तेमाल से घर के सभी वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं. शालिग्राम करीबन 33 प्रकार के हैं, जिनमें से 24 को श्री हरि भगवान विष्णु के स्वरुप के रूप में देखा जाता है. शालिग्राम जिस परिवार में होता है, वहां कभी लोगों पर किसी भी प्रकार का संकट या कष्ट नहीं आता है. हालांकि एस्ट्रोलॉजर कहते हैं कि हमें पूजा घर में केवल एक ही शालिग्राम रखना चाहिए. एक से अधिक शालिग्राम भूलकर भी न रखें.
घर में मांस-मदिरा का सेवन
अगर आपने घर के पूजा स्थल में शालिग्राम रखा है तो आपको मांस या मदिरा-पान के सेवन से दूरी बना लेनी चाहिए. यदि ऐसा करना आपके लिए संभव नहीं है तो कम से कम गुरुवार के दिन आपको तामसिक आहार से बिल्कुल परहेज कर लेनी चाहिए. यह दिन भगवान विष्णु को ही समर्पित होता है. अगर आप इस रूल का पालन नहीं कर पा रहे हैं तो शालिग्राम को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें.
पूजा का क्रम न तोड़ें
एस्ट्रोलॉजर का कहना है कि घर में एक बार शालिग्राम की पूजा अर्चना का क्रम शुरू हो जाए तो इसे कदापि नहीं तोड़ना चाहिए. मतलब रोजाना और सुबह शाम शालिग्राम की आराधना जरूरी है. शालिग्राम को डेली चंदन, फूल, मिष्ठान आदि अर्पित करते रहें. पूजा के वक़्त अगर आप तुलसी दल भी अर्पित कर पाएं तो ये बेहद ही ज्यादा उत्तम होगा.