शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं।
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हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है। वहीं इस समय शनि और गुरु मकर राशि में विराजमान हैं। देवगुरु बृहस्पति और शनि के एक ही राशि में आने से शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग के निर्माण से मेष, वृष, कर्क और मीन राशि वालों को जबरदस्त फायदा हो रहा है। देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक ग्रह कहा जाता है।
बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। गुरु के शुभ होने पर व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है। वहीं शनि को ज्योतिष में पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है, लेकिन शनि के शुभ होने पर व्यक्ति का भाग्य बदल जाता है। आइए जानते हैं शनि और गुरु की युति से मेष, वृष, कर्क, मीन राशि को क्या फायदा हो रहा है…
आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। नौकरी और व्यापार में तरक्की करेंगे। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी। कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। आपके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना होगी।
निवेश करने से लाभ होगा। कार्यों में सफलता मिलेगी। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। कार्यक्षेत्र में खूब मान- सम्मान मिलेगा। पद- प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी।रहस्यमयी स्वभाव के लेकिन हर काम में परफेक्ट होते हैं ये राशि वाले, किस्मत के भी होते हैं धनी कार्यक्षेत्र में आपके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की जाएगी। लेन- देन के लिए समय शुभ है। परिवार के सदस्यों का सहयोग प्राप्त करेंगे।
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