महिला एवं बालविकास विभाग का दिखावा अब उनके ही गले की हड्डी बन गया है। महिलाओं को सुविधाएं दिलाने के लिए पहल करते हुए सेनिटरी पेड मशीने लगा तो दी, लेकिन अब भंगार होने की सूरत में विभाग इनसे आंखे फेरकर बैठा है।
महिला एवं बालविकास विभाग की पहल पर 100 से ज्यादा सेनिटरी वेंडिंग मशीनें लगाई गई। आंगनवाडियों, परियोजनाओं, सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक शौचालयों, हाईवे की होटलों और ढाबों पर पहल करते हुए विभाग के अधिकारी ने मशीने तो लगा दी, लेकिन उनकी सुध लेना विभाग ही भूल गया है। कई स्थानों पर मशीने या तो गायब हो चुकी हैं, या इनकी हालत इतनी खस्ता है कि इनका उपयोग करना तो दूर इन्हें हाथ लगाना भी पसंद नहीं कर रहा है। विभाग ने इस योजना पर काम करने के लिए शहर के ही एक एनजीओ को कार्यभार सौंपा था, जिसके चलते चार से पांच हजार रुपए में मशीने खरीदी गई थीं। अब रखरखाव न होने के कारण भंगार हालत में हैं।
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महिला एवं बालविकास विभाग मंत्रियों भोपाला के आला अधिकारियों की गुड लिस्ट में आने और अपनी कार्यप्रणाली पर नम्बर बढ़ाने के लिए पहल तो कर लेता है, लेकिन अधिकारी बदला योजना बस्ते में की तर्ज पर ही काम कर रहा है। ज्ञात हो कि विभाग ने यह योजना आज से 5 वर्ष पूर्व शुरू की थी, जिसके चलते पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने संज्ञान लेते हुए सेनिटरी डिस्पोजबल मशीनें भी उपलब्ध कराई थी, लेकिन न अब इन मशीनों का कुछ अता पता है और न ही अधिकारियों को सुध।