इंदौर: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 1 मई 2023 को हीरक जयंती का 60वाँ साल मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद शंकर लालवानी कुलपति रेणु जैन और कुलसचिव अजय वर्मा मौजूद रहें।
विश्वविद्यालय परिसर में हीरक जयंती के मौके पर कुलपति रेणु जैन ने बताया कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की स्थापना में इंदौर के समाज सेवी और तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष पद्मश्री बाबूलाल पाटोदी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जब तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ. शंकर दयाल शर्मा से पाटोदी ने इंदौर में विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर बात कही तो उन्होंने कहा कि जो एक महीने में 7 लाख रूपए जमा कर देगा उसको हम वहां पर विश्वविद्यालय दे देंगे। फिर कुलपति ने कहा कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पाटोदी ने इस काम को आज से 60 साल पहले एक ही दिन में जन सहयोग से पूरी राशि इकठ्ठी कर ली थी और सरकार को जमकर के बताया।
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कुलपति ने आगे कहा कि आज आप ये जो विश्वविद्यालय देख रहे हैं, यह पाटोदी की ही देन है। उन्होंने आगे कहा कि बाबूलाल पाटोदी मध्यप्रदेश सरकार में बनाई गई विश्वविद्यालय स्थापना के लिए बनाई गई समिति के चेयरमैन भी थे। वहीं, महोदया ने आगे पाटोदी के परिवाजन का जिक्र करते हुए कहा कि आज उनके परिवार से सौरभ पाटोदी और नकुल पाटोदी भी मौजूद है।
कार्यक्रम में इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने भी पाटोदी को याद कर उनके कार्यों को सराहा और उसके साथ ही उनकी याद को स्थाई बनाने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में पाटोदी की मूर्ति और परिसर के मुख्य ग्रंथालय का नाम पद्मश्री बाबूलाल पाटोदी के नाम पर रखने का विचार साझा किया।
कार्यक्रम में आए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने भी मंच पर कहा कि आज जहां पर देश के गौरव प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति का जैसे विश्वविद्यालय परिसर में मूर्ति स्थापना का शिलान्यास किया वैसे ही विश्वविद्यालय स्थापना के आधार स्तंभ पाटोदी की भी मूर्ति और मुख्य ग्रंथालय का नाम पद्मश्री बाबूलाल पाटोदी के नाम पर रखने की घोषणा की।