आज है कार्तिक कृष्ण नवमी तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

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By Mohit DevkarPublished On: October 30, 2021

आज शनिवार, कार्तिक कृष्ण नवमी तिथि है।
आज आश्लेषा/मघा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार)

19 नवम्बर शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा महातिथि का योग बन रहा है, क्योंकि उस दिन कृतिका नक्षत्र है।
इस योग में गोलोक धाम में राधा महोत्सव मनाया जाता है और वहां महारास लीला होती है।
इस दिन देव दिवाली भी होती है, इसीलिए इस दिन दीपदान का अत्यधिक महत्त्व है।
प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जो कुबेर की विधि – विधान से पूजा करते हैं और एक समय भोजन करते हैं, वे धनपति होते हैं।
एक वर्ष बाद त्रयोदशी का विधि – विधान से उद्यापन करने वाला कुबेर की भॉंति विख्यात होता है। (नारद पुराण)
दो रजस्वला स्त्री को परस्पर स्पर्श नहीं करना चाहिए।
श्वान (कुत्ते), कौओं को नहीं छूना चाहिए।
आत्महत्या करने वाला प्राणी सम्पूर्ण लोक से बहिष्कृत होता है।
किसी भी नक्षत्र का 56 घटी से कम और 66 घटी से अधिक काल – मान नहीं होता है।
उद्यत्कोट्यर्क संकाशं जगत्प्रक्षोभकारकम्।
श्री रामाङ्घ्रिध्याननिष्ठं सुग्रीव प्रमुखार्चितम्।।
वित्रासयन्तं नादेन राक्षसान् मारुतिं भजेत्।
अर्थात्- उदय कालीन करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी हनुमान जी सम्पूर्ण जगत् को क्षोभ में डालने की शक्ति रखते हैं, सुग्रीव आदि प्रमुख वानर वीर उनका समादर करते हैं। वे राघवेन्द्र श्रीराम के चरणारविन्दों के चिन्तन में निरन्तर संलग्न हैं और अपने सिंहनाद से सम्पूर्ण राक्षसों को भयभीत कर रहे हैं। ऐसे पवन कुमार हनुमान जी का भजन करना चाहिए।
उक्त मन्त्र का विधि-विधान से जप करने से मानव के समस्त संकट नष्ट हो जाते हैं।
सारे संकटों के निवारण की विधि नारद पुराण में अलग-अलग बताई गई है।