अगर यह ग्रह हो मजबूत, तो खुद-ब-खुद तेज हो जाती है बुद्धि, कारोबार में मिलती है सफलता

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By Swati BisenPublished On: August 14, 2025
Budh Grah effects

Budh Grah effects: अक्सर यह समझा जाता है कि तेज दिमाग और बुद्धिमत्ता केवल पढ़ाई, अनुभव और कठिन परिश्रम का परिणाम होते हैं। यह बात काफी हद तक सही भी है, लेकिन वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मानव मस्तिष्क की क्षमता, तर्कशक्ति और संवाद कुशलता पर ग्रहों का भी प्रभाव पड़ता है। विशेष रूप से एक ऐसा ग्रह है, जो अगर कुंडली में सशक्त स्थिति में हो, तो व्यक्ति को तीव्र बुद्धि, बेहतर निर्णय क्षमता और प्रभावशाली संचार कौशल प्रदान करता है। आइए जानते हैं, कौन है वह ग्रह जो आपको ‘बुद्धिमान’ बना सकता है।

बुद्धि, वाणी और तर्क के अधिपति हैं बुध ग्रह

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बुध ग्रह को बुद्धि, स्मरण शक्ति, संवाद शैली, विश्लेषण क्षमता और व्यापारिक कौशल का स्वामी माना गया है। बुध जितना बलशाली होगा, व्यक्ति का मस्तिष्क उतना ही सक्रिय और व्यवहारिक होगा। यही वजह है कि जिनकी कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, वे ना केवल पढ़ाई में तेज होते हैं बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में संतुलित और तार्किक निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।

मजबूत बुध ग्रह के प्रभाव: कैसे पहचानें?

तेज सोच और बेहतर याददाश्त:

ऐसे व्यक्ति किसी भी बात को जल्दी समझते और याद रखते हैं। जटिल विषयों को भी सरलता से आत्मसात कर लेना उनकी खासियत होती है।

प्रभावशाली वक्ता:

मजबूत बुध वाले लोग संवाद में अत्यंत कुशल होते हैं। वे अपने विचारों को स्पष्ट, तार्किक और प्रभावशाली ढंग से व्यक्त कर सकते हैं, जिससे वे लेखन, पत्रकारिता, मार्केटिंग या कानून जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।

तर्कशील मानसिकता:

ये लोग हर विषय पर गहराई से विचार करते हैं और निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर सोचते हैं। इनकी निर्णय क्षमता तेज और सटीक होती है।

व्यवसायिक सफलता:

चूंकि बुध व्यापार का भी प्रतीक है, इसलिए जिनकी कुंडली में यह ग्रह शुभ होता है, वे व्यवसाय में भी सफल और चतुर रणनीतिकार सिद्ध होते हैं।

जब बुध होता है कमजोर:

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध पीड़ित या दुर्बल अवस्था में हो, तो उसके जीवन में कुछ विशेष समस्याएं सामने आती हैं:

पढ़ाई में रुचि की कमी:

ऐसे लोग पढ़ाई में रुचि नहीं ले पाते, उन्हें विषयों को समझने और याद रखने में कठिनाई होती है।

वाणी संबंधी दोष:

हकलाना, बार-बार बोलने में रुकावट आना या विचारों को स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त न कर पाना कमजोर बुध का संकेत हो सकता है।

भ्रमित निर्णय क्षमता:

इनकी सोच में स्पष्टता की कमी होती है, जिससे वे निर्णय लेने में झिझकते हैं या गलत फैसले ले बैठते हैं।

कमजोर स्मरण शक्ति:

छोटी-छोटी बातें भूल जाना, किसी भी बात को ज्यादा देर तक याद न रख पाना भी कमजोर बुध का लक्षण है।

बुध को सशक्त करने के आसान ज्योतिषीय उपाय

अगर आपकी कुंडली में बुध कमजोर है, तो आप निम्न उपायों को अपनाकर इसे सशक्त बना सकते हैं:

बुधवार का व्रत रखें और भगवान गणेश की पूजा करें:

बुधवार को गणेश जी की उपासना करें, क्योंकि वे बुद्धि और विवेक के देवता हैं।

पन्ना रत्न धारण करें:

पन्ना (एमराल्ड) रत्न बुध का प्रतिनिधित्व करता है। इसे किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह से धारण करें।

बुध मंत्र का जाप करें:

प्रतिदिन “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से बुध ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

हरी वस्तुओं का दान करें:

बुधवार के दिन हरी मूंग, हरी सब्जियां, हरे कपड़े या पत्तेदार सब्जियों का दान करें।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।