Chanakya Niti : शादी का महत्व जीवन में अत्यधिक होता है, क्योंकि यह न केवल दो लोगों के बीच भावनात्मक प्रेम का एक बंधन होता है, बल्कि दो परिवारों को भी एक दूसरे से जोड़ता है। विवाह एक पवित्र संबंध है, जो समय के साथ और गहरा होता है, और यह परिवार के वंश को बढ़ाने का कार्य भी करता है। लेकिन यदि कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो यह रिश्ता टूट भी सकता है।
प्राचीन भारत के महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में विवाह जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं, जो वैवाहिक जीवन को सुखमय और स्थिर बनाए रखने में मदद करती हैं। चाणक्य की नीति के अनुसार, शादीशुदा जीवन में तीन महत्वपूर्ण बातें हैं जो दरार का कारण बन सकती हैं, और इन्हें दूर करके रिश्ते को मजबूत बनाया जा सकता है।

शादी टूटने के कारण (Chanakya Niti)
- झूठ और छल कपट : चाणक्य के अनुसार, किसी भी रिश्ते में विश्वास सबसे महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी भी प्रकार का झूठ या छल कपट किया जाए, तो रिश्ते में दरार आनी तय है। शादी में अगर पति-पत्नी एक-दूसरे से झूठ बोलते हैं, तो यह रिश्ता धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। इसलिए, खुलकर और ईमानदारी से संवाद करना बहुत जरूरी है।
- अहंकार और क्रोध : क्रोध और अहंकार रिश्ते के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं। चाणक्य के अनुसार, जब किसी में अहंकार आ जाता है, तो वह दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, जिससे रिश्ता टूट सकता है। वहीं, क्रोध सोचने-समझने की क्षमता को नष्ट कर देता है और रिश्ते में जटिलताएं पैदा करता है।
- सम्मान की कमी : विवाह को सफल बनाने के लिए एक दूसरे का सम्मान करना और भावनाओं की कद्र करना बहुत जरूरी है। चाणक्य के अनुसार, जब पति-पत्नी एक-दूसरे का सम्मान नहीं करते या भावनाओं की कद्र नहीं करते, तो वह रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल पाता। इसके कारण रिश्ते में निराशा और तनाव बढ़ने लगता है।
- सही दिशा में कदम बढ़ाएं : यदि इन तीन बातों से बचा जाए और आपसी समझ, सम्मान और ईमानदारी से रिश्ते को निभाया जाए, तो विवाह जीवन न केवल स्थिर रहेगा, बल्कि खुशहाल भी रहेगा। चाणक्य की यह नीति आज भी हमें यह सिखाती है कि एक अच्छे रिश्ते के लिए विश्वास, सम्मान और सच्चाई का होना बहुत जरूरी है।