2002 में पूर्व मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा राम रहीम और चार अन्य को बरी करने के आदेश की समीक्षा करने पर सहमति जताई है। यह आदेश न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने जारी किया है, जिन्होंने चार सप्ताह के भीतर राम रहीम और अन्य आरोपियों से जवाब मांगते हुए नोटिस भेजा है।
जगसीर सिंह द्वारा वकील सत्य मित्रा के माध्यम से दायर की गई याचिका में हाई कोर्ट के 28 मई 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान सीबीआई की जांच को असंतोषजनक माना और कहा कि सीबीआई आरोपियों के खिलाफ मामला स्थापित करने में विफल रही है। इस मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम, जो अपनी दो साध्वियों के बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहे हैं, फिलहाल हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं।
10 जुलाई 2002 को हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के गांव खानपुर कोलियां में डेरा समर्थक रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के पीछे की वजह एक गुमनाम पत्र का खुलासा था, जिसमें दावा किया गया था कि डेरा प्रमुख राम रहीम डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन शोषण कर रहे थे। इसी संदिग्ध भूमिका के कारण रणजीत सिंह की हत्या की गई थी।
हरियाणा के पंचकुला में एक विशेष सीबीआई अदालत ने अक्टूबर 2021 में राम रहीम और चार अन्य को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में राम रहीम, अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह, और सबदिल सिंह को बरी कर दिया था। आरोपियों में से एक, इंदर सेन, 2020 में मुकदमे के दौरान निधन हो गया था।