नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 वाले बयान पर उनकी मुश्किलें ज्यादा ही बढ़ गई है। पहले उन्हें 2 साल की सजा मिली थी उसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। राहुल गांधी अब कांग्रेस सांसद नहीं बल्कि कांग्रेस के पूर्व सांसद बन गए है। सुप्रीम कोर्ट में जन प्रतिनिधित्व कानून (RP Act) के सेक्शन 8(3) की संवैधानिकता को चुनोती देते हुए याचिका दायर की गई है।
इन सबके बीच अब राहुल गांधी का बयान भी सामने आया है, जिसमे उन्होंने कहा कि, सरकार के मंत्रियों ने मेरे ऊपर झूठा आरोप मढ़ा है। मैंने स्पीकर सर से कहा कि ये झूठा आरोप है आप मुझे बोलने क्यों नहीं देते। मुझे डर नहीं लगता। मैं इनसे सवाल पूछता रहूंगा। मैं अडानी और 20 हजार करोड़ पर सवाल पूछता रहूंगा।
शनिवार को संसद की सदस्यता गंवाने के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि, भले ही वे मुझे स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दें, मैं अपना काम करता रहूंगा। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या नहीं। मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा। अडानी का नरेंद्र मोदी जी से क्या रिश्ता है? यह मैं पूछता रहूंगा।
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राहुल गांधी ने कहा कि अडानी पर मेरे भाषण से प्रधानमंत्री डरे हुए हैं और मैंने यह उनकी आंखों में देखा है, इसलिए पहले मुद्दे से ध्यान भटकाया गया। उन्होंने कहा कि मेरा इतिहास डरने का नहीं है। मैंने संसद में सबूत दिए थे। अडानी और मोदी के रिश्ते पुराने है। जानकारी के लिए आपको बता दे कि, वायनाड से सांसद राहुल की सदस्यता रद्द कर दी गई है।