भाजपा कर्नाटक इकाई द्वारा दायर मानहानि मामले में बेंगलुरु की अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जमानत दे दी। राहुल गांधी के खिलाफ मामला पिछले साल के विधानसभा चुनावों से पहले प्रकाशित विज्ञापनों के इर्द-गिर्द घूमता है। जिसमें कर्नाटक की भाजपा सरकार पर अपने 2019-2023 के कार्यकाल के दौरान व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था।
जून 2023 में भाजपा ने एक शिकायत दर्ज की जिसमें आरोप लगाया गया कि 5 मई, 2023 को कर्नाटक के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित इन विज्ञापनों में झूठे और लापरवाह दावे किए गए थे। ‘भ्रष्टाचार दर कार्ड’ शीर्षक वाले विज्ञापनों में भाजपा की बसवराज बोम्मई सरकार पर 40 प्रतिशत कमीशन सरकार होने का आरोप लगाया गया था।
शिकायत में कहा गया है कि ये विज्ञापन कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी किए गए थे। जिसका नेतृत्व इसके अध्यक्ष शिवकुमार और तत्कालीन विपक्ष के नेता सिद्धारमैया कर रहे थे। इसने यह भी उल्लेख किया कि राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपमानजनक विज्ञापन शेयर किया है।
अदालत ने सिद्धारमैया और शिवकुमार को 1 जून को पेश होने के बाद जमानत दे दि गई है। राहुल गांधी के न्यायादिश के एन शिवकुमार ने उपस्थिति के लिएय 7 जून की तारीख को निर्धारित किया है, और सुनवाई के दौरान वकिल ने गांधी की छुट के लिए निवेदन किया है। जिसका शिकायतकर्ता पक्ष ने बार-बार छूट दिए जाने के खिलाफ तर्क देते हुए विरोध किया।
एक अन्य मामले में, प्रयागराज में एक एमपी-एमएलए अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बारे में उनकी टिप्पणी के संबंध में राहुल गांधी के खिलाफ 2018 के मानहानि मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। भाजपा नेता विजय मिश्रा द्वारा दायर यह मामला मई 2018 में बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गांधी द्वारा की गई टिप्पणियों से उपजा है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा अध्यक्ष एक हत्या के मामले में शामिल थे। एक वकील की मृत्यु के कारण, सुनवाई 18 जून के लिए पुनर्निर्धारित की गई।