तिरूपति प्रसाद विवाद के बाद चल रहा है मंदिर का शुद्धिकरण, जानें कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाएंगे

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तिरुपति मंदिर में हाल ही में प्रसाद में पशु वसा और मछली के तेल की मिलावट का विवाद उठ खड़ा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद, मंदिर प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंदिर की सफाई और शुद्धिकरण के लिए विशेष अनुष्ठान किए जा रहे हैं।

महाशांति यज्ञ का आयोजन

तिरुपति देवस्थानम द्वारा गलती को सुधारने और मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए महाशांति यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह अनुष्ठान मंदिर को पंचगव्य से शुद्ध करने के लिए किया जा रहा है, जिससे पवित्रता को फिर से स्थापित किया जा सके।

पंचगव्य से शुद्धिकरण प्रक्रिया

तिरुपति मंदिर को शुद्ध करने के लिए पंचगव्य का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें गाय का दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर शामिल हैं। इस प्रक्रिया के तहत, लड्डू बनाने वाली रसोई और प्रसाद बनाने वाली रसोई को भी शुद्ध किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए खास तैयारियों की गई हैं।

विशेष दल की मौजूदगी

इस शुद्धिकरण अनुष्ठान में 11 विशेष लोग शामिल होंगे, जिनमें 8 पुजारी और 3 आगम सलाहकार शामिल हैं। अनुष्ठान का समय सुबह 6:00 बजे से शुरू होकर 10 बजे तक चलेगा, जिससे पूरी तिरुमाला मंदिर परिसर को पंचगव्य से शुद्ध किया जाएगा।

विवाद की पृष्ठभूमि

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का मामला हाल ही में सामने आया था। इस पर महंत धीरेंद्र शास्त्री समेत कई लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उचित कार्रवाई की मांग की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की भावनाओं और धार्मिक प्रथाओं का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि दोषी कर्मचारियों को काली सूची में डाल दिया गया है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इस प्रकार, तिरुपति मंदिर प्रशासन ने विवाद के बीच में पवित्रता को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।