इंदौर: प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इन्दौर सुबोध कुमार जैन ने आज केन्द्रीय जेल इन्दौर में महिला एवं पुरुष बैरकों का एवं डिस्पेंसरी, रसोई घर, उद्योग इकाई अध्ययन केन्द्र, वीडियो कॉफ्रेसिंग कक्ष एव ई-मुलाकात कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने बंदियों को जेल में दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी लेते हुए बंदियों को आने वाली परेशानियों के संबंध में जानकारी ली।
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इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनीष कुमार श्रीवास्तव ने पुरूष बंदियों एवं महिला बंदियों को विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई बंदी उनके विरूद्ध चल रहे मामले में अपना बचाव के लिए अधिवक्ता नियुक्त करने में असमर्थ हो या आर्थिक कमजोरी के कारण वे अपने बचाव के लिए वकील करने के लिए असमर्थ हों या उन्हें जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत करना हो तो उन्हें विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अच्छे अभिभाषक उपलब्ध कराये जाएंगे। जिन बंदियों द्वारा अधिवक्ता नियुक्त करने में असमर्थता प्रकट की गई उन्हें विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से निःशुल्क वकील उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया।
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जेल निरीक्षण के पश्चात् प्रधान जिला न्यायाधीश जैन ने जेल में निरूद्ध बंदियों के साथ निवासरत उनके बच्चों के प्रारंभिक अध्ययन हेतु जेल अधीक्षक अल्का सोनकर द्वारा हाल ही में तैयार कराए गए भवन में “कान्हा प्ले स्कूल” का उद्घाटन किया। उक्त निरीक्षण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लोकेन्द्र सिंह, जेल अधीक्षक अल्का सोनकर, उपजेल अधीक्षक सुजीत खरे, जेल के विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।