जी -7 शिखर सम्मेलन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी पहुंचे। जर्मनी के म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों ने पीएम नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम नरेंद्र मोदी म्यूनिख में एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। आज शाम करीब 6:30 संबोधित करेंगे।
At around 6:30 PM (India time) this evening, I will address a community programme in the dynamic city of Munich. I look forward to interacting with members of the Indian diaspora. Our diaspora has distinguished itself in diverse sectors and we are proud of their accomplishments.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2022
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जनकारी देते हुए बताया कि “आज शाम लगभग 6:30 बजे (भारतीय समयानुसार), मैं गतिशील शहर म्यूनिख में एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करूंगा। मैं भारतीय डायस्पोरा के सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए बहुत उत्सुक हूं। हमारी डायस्पोरा ने विविध क्षेत्रों में खुद को प्रतिष्ठित किया है और हमें उनकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है।
जर्मनी की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो सत्रों को संबोधित कर सकते हैं। जिसमें पहले सत्र में पर्यावरण, ऊर्जा, जलवायु का होगा तो वही दूसरे सत्र में लैंगिक समानता, खाद सुरक्षा लोकतंत्र जैसे विषय शामिल रहेंगे। इस शिखर सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले कुछ देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
जी -7 समूह दुनिया के 7 सबसे अमीर देशों का समूह है। जिसकी अध्यक्षता अभी जर्मनी कर रहा है। शिखर सम्मेलन का आयोजन जर्मनी की अध्यक्षता में हो रहा है और इसमें अर्जेंटीना इंडोनेशिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बैरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति मैन्युएल मैक्रो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रडू सहित अन्य देशों के शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं।
जर्मनी के म्यूनिख में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकम को संबोधित करते हुए कहीं महत्वपूर्ण बातों पर जोर दिया। इस दौरान दूर दराज से कहीं लोग पहुंचे। जर्मनी में भारतीयों के बीच पीएम मोदी ने कहीं मतत्वपूर्ण बाते रखी और भारत देश को लेकर उपलब्धि, समृद्धि, विकास आदि को लेकर कहीं बाते की अपने संबोधन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारा गौरव, हम भारतीयों को अपने लोकतंत्र पर गर्व है। आप में भारत की एकता दिखती है। 2 साल में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध करवाया। 500 से अधिक आधुनिक रेल कोच है।
संबोधन की महत्वपूर्ण बातें
भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता है। आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच रही है। आज भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा है। हमारी नई तकनीक किसी को भी हैरान कर सकती है। सही नियत को साथ लेकर चलने से विकास संभव है। भारत में ड्रोन तकनीकी का तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। ड्रोन से फर्टिलाइजर का छिड़काव हो रहा है। आज के भारत की पहचान, करना है और करना ही है। अब भारत होता है, चलता है वाली मानसिकता से बाहर हैं। भारत अब तैयार है और अधीर है प्रकृति के लिए विकास के लिए अधीर हैं अपने सपनों के लिए अधीर हैं। भारत अब पुरानी मानसिकता से बाहर है। आज का भारत अपने आप पर भरोसा करता है। लोग कह रहे थे 10-15 साल लग जाएंगे वेक्सिन लगाने में लेकिन हमने कुछ समय में ही कर दिखाया। हर गांव अब सड़क से जुड़ रहा है और बिजली भी पहुंच रही है।भारत को आज अपने सामर्थ्य पर भरोसा है। दुनिया का दूसरा बड़ा फोन निर्माता भी भारत बना। विदेशी निवेश में भी नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। दुनिया की बड़ी शक्तियों का साथ मिल रहा है। बड़ी शक्तियां भारत के साथ चलना चाहती है। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए है। भारत के युवा देश को स्वच्छ रखना अपना कर्तव्य समझ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में पश्चिमी देशों के साथ दमदार रिश्ते पर जोर दिया। लोगों को भरोसा है कि पैसा देश के विकास में लग रहा है। जर्मनी में जय हो और गुंजा मोदी- मोदी। वैश्विक चुनौतियों का रोना रोने वाला देश नहीं है भारत। भारत दुनिया की चुनौतियों का सामना कर रहा है और हम दुनिया को आपदाओं से लड़ने में भी सक्षम बना रहे हैं। आने वाले 5 साल और 25 साल की रूपरेखा भी तैयार है। भारत निर्णायक नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब हम वैश्विक चुनौतियां का रोना नहीं रोते। कहीं महत्वपूर्ण बातों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन को समाप्त किया। जिसके बाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने मोदी- मोदी के नारे लगाने शुरु कर दिए। सभी ने पीएम मोदी का जोर शोर से भव्य स्वागत किया। संबोधन में मौजूद भारतीय जनता बहुत खुश थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी का अभिवादन स्वीकार किया।
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