MP News Live : आज पीएम मोदी भोपाल (PM Modi in Bhopal) दौरे पर आए हुए है। वह करीब 12.30 बजे स्टेट हैंगर आए और फिर जंबूरी मेडम के कार्यकर्म में शामिल होने सीएम शिवराज (CM Shivraj) के साथ पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले आदिवासियों (tribal people) के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। फिर बाद में भगवान बिरसा मुंडा (Birsa munda) को नमन किया। पीएम मोदी के स्वागत के लिए यहां लोक नृत्य भी पेश किया गया। अब पीएम मोदी का संबोधन शुरू हो गया है इसमें उन्होंने आदिवासियों को लेकर बातें कही है तो चलिए देखते है संबोधन का लाइव अपडेट –
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Live Update :
- देश के लिए बहुत बड़ा दिन।
- पूरे देश के लिए गौरव की बात।
- आजादी के बाद पहली बार हो रहा जनजातीय गौरव दिवस।
- शहरों को आदिवासियों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत।
- पुरानी सरकारों के लिए आदिवासियों का विकास कोई मायने नहीं रखता था।
- टीकाकरण के महत्व को आदिवासी समझते है।
- आदिवासियों का ऋण नहीं चुका सकते।
- आजादी में जनजातीय समाज के योगदान को अब तक नहीं बताया गया।
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आदिवासियों के ऋण को चुका नहीं सकते। उन्हें उचित सम्मान दे सकते हैं। उन्होंने इतिहासकार बाबा साहब पुरंदरे को याद किया।
- पीएम मोदी ने कहा पुरानी सरकार ने जनजातियों-आदिवासियों के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने ऐसा करके अपराध किया। उनके लिए आदिवासियों का विकास कोई मायने नहीं रखता था। हमारी सरकार ने इस पर ध्यान दिया।आज आदिवासी परिवारों तक वे सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो पहले नहीं मिलती थीं।
- पीएम मोदी ने कहा कि पहले बहन-बेटियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। जल जीवन मिशन के तहत 30 लाख परिवारों को नल से जल मिलना शुरू हो गया है। इसमें भी ज्यादातर इलाके जनजातियो के हैं। कहा जाता था कि सुविधाएं पहुंचाना मुश्किल है। ये केवल बहाने थे। आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। इसी सोच की वजह से आदिवासी इलाके विकास से वंचित रह गए। जिलों पर पिछड़े होने का टैग लगा दिया।
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पूरे देश में हर साल मनाई जाएगी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती।
- भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं! आज भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है। देश अपना पहला #जनजातीय_गौरव_दिवस मना रहा है। राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए अपने जनजातीय नायकों को गौरव के साथ याद किया जा रहा है।
- जनजातीय कलाकारों ने जो प्रस्तुति दी उसमें जीवन का आदर्श, रहस्य समाहित है, जो हमें कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जीवन के विभिन्न दौर को जीते हुए हमें अपने अंत समय में पछताना पड़े, ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए।
- मध्य प्रदेश के जनजातीय भाई-बहनों का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं, जिनका हमें पिछले कई वर्षों से विश्वास और स्नेह प्राप्त हो रहा है।
- जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए शिवराज जी की सरकार ने कई योजनाएं प्रारंभ की हैं। मुझे संतोष है कि ‘राशन आपके ग्राम’ योजना से आपको राशन भी मिलेगा और समय भी बचेगा।
- कोरोना महामारी से बचाव के लिए विश्व में टीकाकरण हो रहा है, लेकिन इस पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं। मैं प्रशंसा करता हूं अपने जनजातीय भाई-बहनों की, जिन्होंने टीकाकरण का महत्व समझा और जीवन सुरक्षित करने के लिए टीका लगवाने आगे आए।
- भगवान बिरसा मुंडा जी, मामा टंट्या, रानी दुर्गावती और रानी कमलापति जैसे हमारे जनजातीय नायकों का देश के लिए बलिदान हमारा राष्ट्र कभी भूल नहीं सकता। हम अमर शहीदों का ऋण कभी नहीं चुका सकेंगे।
- जब हम जनजातीय विभूतियों का सम्मान करते हैं, तो कुछ लोगों को बड़ी तकलीफ होती है। इसकी वजह यह है कि उन्होंने जनजातीय समुदाय के बलिदान को अंधेरे में रखा और स्वार्थ की राजनीति करते रहे।
- बिना जनजातीय समुदाय के इस देश के इतिहास की कल्पना नहीं की जा सकती। यह जनजातीय समुदाय ही है, जिसने एक राजकुमार को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बना दिया।
- जनजातीय समाज के योगदान को वह सम्मान नहीं मिल सका, क्योंकि दशकों तक स्वार्थभारी राजनीति करने वालों ने अपने हितों के लिए देश को सच्चाई से परिचित नहीं होने दिया।
- जिन लोगों ने देश पर लंबे समय तक शासन किया, उन्होंने जनजातीय समुदायों से वोट लेकर सत्ता का सुख प्राप्त किया, लेकिन हमारे जनजातीय समुदाय के लिए जब और जितना करना चाहिए था, उतना उन्होंने कभी नहीं किया।
- अब विकास के जो आयाम शहरों तक पहुंच रहे हैं, वही हमारे जनजातीय समुदाय के घरों तक भी पहुंच रहे हैं। जो लाभ शहर में है, वही जनजातीय क्षेत्रों को भी दिया जा रहा है। चाहे सड़क बनाना हो या बैंक खाते में योजनाओं की राशि पहुंचाना।
- आज सही मायने में जनजातीय भाई – बहनों को देश के विकास में उचित भागीदारी दी जा रही है। आज देश में योजनाओं का लाभ जिस समय आम आदमी को मिल रहा है, उसी समय हमारे जनजातीय क्षेत्रों के भाई -बहनों को भी मिल रहा है।
- जनजातीय समुदाय के जो सपने, आकांक्षाएं अधूरे थे, वही हम पूरा कर रहे हैं। देश में विकास के लिए जो योजनाएं बनती हैं, उनके केंद्र में जनजातीय क्षेत्र भी होते हैं।
- राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार के लिए जब हमारी जनजातीय विभूतियां पहुंची तो उनके पैरों में चप्पल भी नहीं थीं। यह देखकर दुनिया हैरान रह गई। यह जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वाले ही हमारे असली हीरो हैं।
- जनजातीय समाज के हितों की रक्षा एवं कल्याण के लिए जिस राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत थी, दशकों तक देश में राज करने वालों के मन में नहीं था। आज जनजातीय समाज को उसका हक मिल रहा है।
- हमारे जनजातीय कलाकारों के हाथ में जबरदस्त कला है। मामूली चीजों से भी ऐसी कृति बना देते हैं कि प्रकृति का सौंदर्य सामने आ जाता है, लेकिन दुखद है कि उनके अधिकारों को वर्षों तक कानून के नाम पर उलझा कर रखा गया।
- पहले की सरकारें पहले केवल आठ -दस वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदती थीं, आज हमारी सरकार लगभग 90 वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने का कार्य कर रही है।
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