नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ओर से आयोजित दावोस समिट को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए भारत की तरफ से दुनिया को दी जा रही मदद के बारे में बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के वन अर्थ, वन हेल्थ (One Earth, One Health) मंत्र का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना के इस समय में हमने देखा है कि कैसे भारत अपने विजन पर चलते हुए अनेकों देशों को जरूरी दवाइयां, वैक्सीन देकर करोड़ों जीवन बचा रहा है।
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साथ ही पीएम मोदी ने भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि, “आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवाइयों का निर्माता है। एक तरह से भारत दुनिया के लिए दवा है। भारत जैसी मजबूत डेमोक्रेसी ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, एक उम्मीद का गुलदस्ता दिया है। इस गुलदस्ते में है, हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट विश्वास। इस गुलदस्ते में है 21वीं सदी का सशक्तीकरण करने वाली तकनीक। इस गुलदस्ते में है, हम भारतीयों का मिजाज, हम भारतीयों की प्रतिभा।”
वहीं दावोस एजेंडा समिट के संबोधन में मोदी ने भारत के आगे के नजरिए को लेकर बात करते हुए कहा कि, “आज भारत वर्तमान के साथ ही अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है, निर्णय ले रहा है। इस कालखंड में भारत ने उच्च विकास के, कल्याण से जुड़े लक्ष्य रखे गए हैं। विकास का ये कालखंड हरित भी होगा, स्वच्छ भी होगा, टिकाऊ भी होगा, भरोसेमंद भी होगा।”
साथ ही पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों पर कहा कि, “हमें ये मानना होगा कि हमारी जीवनशैली भी जलवायु के लिए बड़ी चुनौती है। फेंक देने की संस्कृति और उपभोक्तावाद ने जलवायु चुनौतियों को और बड़ा और गंभीर बना दिया है। आज की जो टेक, मेक, यूज और डिस्पोज इकोनॉमी है, उसको तेज़ी से सर्कुलर इकोनॉमी (गोल अर्थव्यवस्था) की तरफ बढ़ाना बहुत ज़रूरी है।”