जिला पंचायत चुनाव मामले में सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान सरकारी वकील से तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि नैनीताल केवल पर्यटक शहर नहीं, यहां हाईकोर्ट भी है।सुनवाई के दौरान वायरल वीडियो का SSP नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा की ओर से बचाव किए जाने पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव मतदान में सुरक्षा और निष्पक्षता को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने जिलाधिकारी नैनीताल को एफिडेविट और एस.एस.पी.को मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में हुई घटना और कोर्टरूम में चालए गए वीडियो के आधार पर की गई कार्यवाही को एफिडेविट में दाखिल करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई कल मंगलवार को होगी।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी.नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में हुए कथित अपहरण संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने 5 सदस्यों को न्यायालय में लाने को कहा था। कितने लोग अगवा किये गए थे ? मुख्य न्यायाधीश ने दो बार सरकारी अधिवक्ताओं से कहा कि एस.एस.पी.नैनीताल को लापरवाही बरतने पर ट्रांसफर कर दिया जाए।
पुलिस ने इन आरोपियों की पहचान कैसे नहीं कि ? नैनीताल केवल एक पर्यटक स्थल नहीं, ये हाईकोर्ट की सीट भी है। नैनीताल में ऐसी घटनाओं होने के बाद आप जनता में क्या संदेश देना चाह रहे हैं ? न्यायालय ने एस.एस.पी.प्रह्लाद नारायण मीणा से कहा की आप अपनी ड्यूटी करने में फेल हुए हैं। आरोपी तलवारों के साथ घूम रहे हैं और आपके सूचना तंत्र को जानकारी तक नही है, ये सूचना तंत्र की नाकामी है ? सी.जे.ने कहा कि घटना में एक दो लोग होते तो हम कुछ नहीं कहते, लेकिन वहां तो पूरा गैंग आया था। ये सामान्य चुनाव नहीं था। पूछा कि क्या इस गैंग की जानकारी थी आपको ? ये आपके पक्ष में बड़ा फेलियर है। पांचों सदस्यों की सी.डी.आर.प्रस्तुत करो। ये क्या संदेश दे रहे हो आप ? चुनाव आयोग अपना रोल क्लियर करे।
सरकारी अधिवक्ताओं ने कहा की तरफ से कहा गया कि पांचों सदस्यों को मैजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया गया है, और 164 में उनके बयान लिए गए हैं। इसके साथ उन्होंने हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश के मतदान केंद्र के मार्ग में मचाए हंगामे के वीडियो दिखाए।
महाधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि ए.आर.ओ.ने साफ किया है कि मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में कोई अवरोध नहीं हुआ। एस.एस.पी.यहां हैं और गड़बड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। सारा हंगामा बाहर हुआ था, मतदान केंद्र में नहीं था। ये तो सुओमोटो पी.आई.एल.है, उन्होंने(विपक्षीगण)कोई याचिका दायर नहीं कि है। एस.एस.पी.को अपना पक्ष साफ करने का मौका दिया जाए। सभी की पहचान हो चुकी है और एस.एस.पी.यहीं हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने कहा कि सी.सी.टी.वी.में देखा जा सकता है कि वहां कई गुंडे थे जो हल्द्वानी के आई.टी.आई. गैंग से ताल्लुक रखते थे। पुष्पा नेगी एक सदस्य हैं जो अध्यक्ष की प्रत्याशी हैं। आरोप लगाया कि निर्वाचन ने एक पत्र रात को जारी कर प्रत्याशी या संबंधी को बुलाया और देर रात बिना प्रत्याशियों की मौजूदगी के मतगड़ना कर दी गई है।
आर.ओ.ने रात 3 बजे मतों की गिनती कर दी। हाई कोर्ट की टी.वी.स्क्रीन पर चले वाइरल वीडियो पर कहा कि वायरल वीडियो में 13 गुंडे दिख रहे हैं। गुंडों ने हाईकोर्ट के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और वीडियो में कहा कि उन्होंने उत्तराखण्ड को बिहार बना दिया है। उनके खिलाफ कोई कार्यवाही अबतक पुलिस ने नही की है। मतदान का समय 3 बजे से बढ़ाकर 5 बजे तक कर दिया गया। इन कुछ गलतियों के लिए निर्वाचन आयोग को समन जारी किया जाए और पुनः मतदान कराया जाए।
ए.ए.जी.जिस विर्क के कहा कि हम इसे एक पुलिस फेलियर के रूप में देखते हैं और उनसे स्पस्टीकरण मांगेंगे। लाखन नेगी के खिलाफ 8 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। इस न्यायालय के जो भी आगे के निर्देश होंगे, उनका पालन किया जाएगा।
एस.एस.पी.प्रह्लाद नारायण मीणा ने कहा कि तलवार वाला वीडियो मतदान वाले दिन का नहीं है। हमने सारे क्षेत्र में चेकिंग की थी, ये घटना केवल एक पोस्ट में हुई है। इन्हें चिन्हित कर लिया गया है और हम उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे। कहा कि सी.डी.आर.निकाल ली गई है और उन पांचों सदस्यों का अपने परिवार के साथ संपर्क नहीं हुआ था।
सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामथ ने अपना पक्ष रखा और कहा कि ये एक जहरीला फल है, जो आने वाले समय में दुख देगा। ये लोकतंत्र की हत्या है। हमने निर्वाचन के आगे भी एक रिप्रेजेंटेशन दर्ज की है। रात के तीन बजे मतगणना करने का नियम कहाँ है ? मेरा कहना है कि आप इस अध्यक्ष के चुनाव को दोबारा कराएं।
जिलाधिकारी नैनीताल ने कहा कि उन्होंने इस न्यायालय का पूर्व का आदेश पढ़ा है। मैंने सभी कुछ चुनाव आयोग को लिखा और उसके जवाब में आया कि आप जिला निर्वाचन अधिकारी हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष व् उपाध्यक्ष नियमावली के अनुसार कार्यवाही करें। इसपर हमने नियमानुसार कार्यवाही की है। सब कैमरे की नजरों में है। सभी कैंडिडेट्स को मतगणना स्थल में पहुंचने के लिए विधिवत सूचित किया गया था। मतगणना की सूचना न्यायालय और निर्वाचन के सामने रखा जाएगा।अब कल 19 अगस्त को दोबारा सुनवाई होगी।