आगामी बजट में सरकार लोगों को राहत देने के लिए पैन कार्ड (Pan Card) की आवश्यकता को खत्म कीया जा सकता है. अगर आधार कार्ड पहले से मौजूद है तो पैसों के लेनदेन में पैन की आवश्यकता को खत्म की जा सकती है. हालांकि ऐसा कुछ ही वित्तीय लेनदेन के लिए किया जाएगा. बैंकों ने सरकार के सामने यह प्रस्ताव पेश किया है. बैंकों का कहना है कि चूंकि खाते आधार से जुड़े हुए हैं, इसलिए पैन की कोई आवश्यकता नहीं है. मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में जानकारी मिली है और उनकी जांच की जा रही है और बजट के दौरान इसपर विचार किया जा सकता है.
पैन कार्ड (Pan Card) को लेकर ये है नियम
अगर पैन कार्ड नहीं दिया जाता है तो आयकर अधिनियम की धारा 206AA के अनुसार, ट्रांजेक्शन पर 20 फीसदी तक का टैक्स लगाया जाएगा, चाहे इसके लिए लागू दर कुछ भी हो. अधिकारी ने कहा कि कुछ उधारदाताओं ने आयकर अधिनियम में संशोधन का सुझाव दिया है, क्योंकि बैंकों से लोन को लेकर कुछ समस्या भी पैदा हो रही है.
क्या पैन कार्ड की आवश्यकता होगी खत्म ?
इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैन की आवश्यकता को खत्म करने के लिए तर्क दिया गया है कि लगभग सभी बैंक खाते पहले से ही आधार संख्या से लिंक हैं और आयकर अधिनियम की धारा 139A (5E) के तहत, कुछ लेनदेन के लिए पैन के बजाय आधार की अनुमति है. रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि पैन कार्ड की आवश्यकता एक निश्चित समय सीमा के लिए खत्म की जा सकती है. इसका मतलब है कि कुछ ट्रांजेक्शन के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता को खत्म की जा सकती है.
पैन कार्ड क्यों है जरूरी
बैंक से पैसों के लेनदेन को लेकर कई समस्या सामने आई थी. फ्रॉड और टैक्स चोरी को रोकने के लिए पैन कार्ड को लागू किया गया है. अगर कोई बड़े अमाउंट का ट्रांजेक्शन करते हैं तो पैन कार्ड की आवश्यकता होती है.
कई लोगों के लिए राहत
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार पैन कार्ड को लेकर यह फैसल लेती है तो टैक्सपेयर्स को लाभ होगा. हालांकि कुछ ट्रांजेक्शन पर हाई टैक्स कटौती का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही नए बैंक खाताधारक और कर योग्य सीमा से कम आय वाले लोगों को भी लाभ होगा. गौरतलब है कि अगर कोई एक साल के दौरान 20 लाख से अधिक ट्रांजेक्शन करता है तो उसे पैन कार्ड दिखाना होता है.
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