अक्टूबर से बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत, केन्द्र त्रिकोण राजयोग खोलेगा भाग्य और उन्नति के द्वार, होगा आकस्मिक धनलाभ

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By Swati BisenPublished On: September 22, 2025
Kendra Trikon Rajyog 2025

Kendra Trikon Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु कहा गया है। ये ग्रह हर 13 महीने में अपनी चाल बदलते हैं और धन, सौभाग्य, सुख तथा ज्ञान के कारक माने जाते हैं। बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं, वहीं कर्क राशि में उच्च और मकर राशि में नीच के होते हैं। जब भी बृहस्पति अपनी स्थिति बदलते हैं, तो विशेष योग और राजयोग का निर्माण होता है, जिससे मानव जीवन और सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

वर्तमान में गुरु मिथुन राशि में हैं और आने वाली 18 अक्टूबर 2025 को अपनी उच्च कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ केन्द्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होगा, जो कई जातकों के लिए शुभ फलदायी सिद्ध होगा।

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

मीन राशि

केन्द्र त्रिकोण राजयोग मीन राशि वालों के लिए सुखद परिणाम ला सकता है। इस दौरान आय के नए स्रोत खुल सकते हैं और रुके हुए काम पूरे होने लगेंगे। संतान से शुभ समाचार मिलेगा, बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिलेगा और विवाहित दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त हो सकता है। प्रेम जीवन अच्छा रहेगा और अचानक धन लाभ के योग भी बनेंगे।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों को यह योग भाग्य का साथ दिला सकता है। छात्रों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा और पढ़ाई में सफलता मिलेगी। समाज में नई पहचान बनेगी और करियर में प्रगति के अवसर सामने आएंगे। विवाहशुदा जीवन खुशहाल रहेगा और कारोबारी लोगों को लाभ की संभावना है।

कर्क राशि

बृहस्पति के कर्क राशि में आने से जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। पद और प्रतिष्ठा बढ़ेगी, नौकरीपेशा को पदोन्नति का लाभ मिल सकता है। करियर ऊँचाई पर पहुंचेगा और कानूनी मामलों में भी जीत हासिल हो सकती है। विवाहित जीवन सुखद रहेगा और अविवाहितों को विवाह प्रस्ताव मिलने की संभावना है।

कब बनता है Kendra Trikon Rajyog?

ज्योतिष के अनुसार, जब कुंडली के केंद्र भाव (4, 7, 10) और त्रिकोण भाव (1, 5, 9) आपस में युति, दृष्टि या राशि परिवर्तन के माध्यम से जुड़ते हैं, तब केन्द्र त्रिकोण राजयोग बनता है। यह योग जातक को धन, यश, मान-सम्मान और समृद्धि प्रदान करता है। जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह केंद्र और त्रिकोण भाव में युति करता है, उनके लिए यह योग और भी अधिक शुभ माना जाता है।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।