इंदौर में हर वर्ष 22 सितंबर को नो कार डे के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर सप्ताह की शुरुआत के पहले दिन अधिकतर लोग अपने घरों से निकले तो कारों की जगह उन्होंने दोपहिया वाहन या साइकिल का इस्तेमाल किया। गीताभवन से पलासिया तक का मार्ग पूरी तरह कार-फ्री ज़ोन घोषित किया गया, जहां गाड़ियों की संख्या बेहद कम रही। शहर के अन्य हिस्सों में भी कारों का उपयोग सामान्य दिनों की तुलना में काफी घटा। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधनों को बढ़ावा देना और ईंधन की बचत करना है।
सोमवार सुबह मेयर पुष्यमित्र भार्गव एमआईसी सदस्यों के साथ साइकिल से निकले और बीआरटीएस पर लोगों का उत्साह बढ़ाते रहे। वहीं, निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव सुबह छह बजे निगम अधिकारियों के साथ ट्रेंचिंग ग्राउंड के निरीक्षण के लिए गए, जिसके लिए उन्होंने बस का सहारा लिया। मंत्री तुलसी सिलावट ने भी सुबह हनुमान मंदिर दर्शन का कार्यक्रम रखा और इसके लिए ई-रिक्शा का उपयोग करते हुए पत्नी के साथ मंदिर पहुंचे।
2023 में हुई 80 हजार लीटर ईंधन की बचत
पिछले कुछ वर्षों से नगर निगम यह आयोजन शहरवासियों के साथ मिलकर करता आ रहा है। वर्ष 2023 में केवल एक दिन में 80 हजार लीटर ईंधन की बचत दर्ज की गई थी और वायु गुणवत्ता सूचकांक में 18 प्रतिशत तक सुधार देखने को मिला था। इसके बाद से हर साल 22 सितंबर को ‘नो कार डे’ के अवसर पर ईंधन की बचत होती रही है। इस बार भी सोमवार को मंत्री, अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक सक्रिय रूप से इस अभियान में शामिल होंगे और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे।
No Car Day से पहले 56 दुकान पर संगीत संध्या
रविवार को ‘नो कार डे’ की पूर्व संध्या पर 56 दुकान क्षेत्र में संगीत संध्या का आयोजन हुआ। इस मौके पर कलाकारों ने लोगों से अपील की कि वे सोमवार को कार की बजाय अन्य साधनों से यात्रा करें। सोमवार को पलासिया से राजवाड़ा तक साइक्लोथॉन भी आयोजित किया गया, जिसमें शहरवासियों के साथ अधिकारियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव सुबह छह बजे अफसरों के साथ ट्रेंचिंग ग्राउंड के निरीक्षण पर निकले और इसके लिए कार की बजाय बस का सहारा लिया। शहर की सड़कों पर सोमवार को आम दिनों की तुलना में कारों की संख्या काफी कम दिखाई दी।