महाराष्ट्र के सांगली में पिता के साथ पान और चाय की दुकान चलाने वाले संकेत सरगर ने कमाल कर दिखाया है. संकेत ने कॉमनवेल्थ गेम में देश के लिए पहला मैडल जीत लिया है. वेटलिफ्टिंग की 55 किलो केटेगरी में उन्हें सिल्वर मेडल मिला है.
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बता दे कि संकेत 2013 से वेटलिफ्टिंग कर रहे हैं, वो जिला कोच मयूर से ट्रेनिंग ले रहे हैं. संकेत के दो भाई और छोटी बहन है. उनकी बहन भी खेलो इंडिया कॉमनवेल्थ गेम्स में महाराष्ट्र के लिए गोल्ड जीत चुकी है.
संकेत साल 2017 से ही कॉमनवेल्थ गेम्स तैयारी शुरू कर चुके थे. कोच के साथ रोजाना 7 घंटे प्रैक्टिस करने के बाद उनका सिलेक्शन नेशनल कैंप के लिए हुआ जहां मुख्य कोच विजय शर्मा के मार्गदर्शन में तैयारी करते हुए उन्होने ये खिताब हासिल किया.
बर्मिंघम में संकेत के गोल्ड जीतने की उम्मीद लगाई जा रही थी लेकिन फाइनल वेट उठाने के दौरान उनके हाथ में इंजरी हो गई. इंजरी के बाद भी उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया. इस मामले में पिता का कहना है कि बेटे ने हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया फिलहाल हमें उसकी चोट की चिंता है.
बता दे किस संकेत ने पहले 107 किलोग्राम का वजन उठाया फिर 111 और उसके बाद 113 किलोग्राम का वजन उठाया. क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में उन्होंने 135 किलोग्राम वजन उठा लिया लेकिन दूसरे और तीसरे प्रयास में वह सफल नहीं हो पाए. 248 किलोग्राम वेट उठाने के साथ उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया. मलेशिया के वेटलिफ्टर 249 किलोग्राम वेट उठाकर महेश किलोग्राम के अंतर से संकेत से आगे चले गए. कॉमनवेल्थ गेम में इस साल का नतीजा भी 2018 की तरह रहा जहां 55 किलोग्राम भार वर्ग में मलेशिया को गोल्ड भारत को सिल्वर और श्रीलंका को ब्रॉन्ज मेडल मिला.