पुलिस द्वारा इंदौर में पेट्रोल की चोरी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया गया है इस गैंग द्वारा टैंकर के भीतर चोरी से एक 200 लीटर का अलग टैंक बनाया जाता था जब टैंकर में पेट्रोल भरा जाता तो 200 लीटर पेट्रोल टैंक में चला जाता और बाद में इस पेट्रोल को अलग से बेच दिया जाता ।
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इस पूरे मामले का भंडाफोड़ होने के बाद अब इंदौर का नाप तोल विभाग भी आरोपों के घेरे में आ गया है सवाल इस बात का है कि पेट्रोल पंप मालिक से लेकर नापतोल विभाग के अधिकारी कहीं इस पूरी साजिश में शामिल तो नहीं थे क्योंकि जब पेट्रोल पंप पर 200 लीटर पेट्रोल कम मिलता तो फिर उसकी जानकारी पेट्रोल पंप मालिकों को क्यों नहीं लग पाती इसके अलावा नापतोल विभाग के अधिकारी भी इस पूरे मामले में खामोश कैसे रहे।
हर पेट्रोल पंप को 200 लीटर पेट्रोल का सीधा सीधा नुकसान हो रहा था तो इसको लेकर पेट्रोल पंप मालिकों तथा नापतोल विभाग के अधिकारियों की चुप्पी क्यों रही इंदौर का नाप तोल विभाग वैसे भी भ्रष्टाचार के मामले में बदनाम है और यहां के इस्पेक्टर तथा अधिकारी दिन-रात सेटिंग करके पैसा कमाने में ही लगे रहते हैं यही वजह है कि इंदौर में पेट्रोल चोरी करने वालों की गैंग का पर्दाफाश नहीं हो पाया था ।