दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में सीएम हेल्पलाइन पर फर्जी शिकायत करने वाले 29 व्यक्तियों की पहचान जनपद सीईओ ने की है। उनकी सूची तैयार कर कलेक्टर के पास भेज दी गई है। अब इन शिकायतों का सत्यापन किया जाएगा और यदि यह गलत पाई गई, तो संबंधित लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह योजना इसलिए शुरू की थी ताकि आम जनता उन सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके, जिनसे वे वंचित हैं। यदि अधिकारी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाते, तो हितग्राही अपनी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज करवा सकते हैं। यह योजना प्रभावी साबित हुई और लोगों को न्याय मिलने लगा, लेकिन कुछ लोग इसका दुरुपयोग करने लगे। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने झूठी शिकायत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
ऐसे होती है फर्जी शिकायतें
तेंदूखेड़ा ब्लॉक में दर्ज शिकायतों में अधिकांश शिकायतकर्ता जिले या अन्य जनपद से हैं। जांच में पता चला कि कई शिकायतें गलत थीं, जबकि कुछ मामलों में लेन-देन करके ही समाधान किया गया था। इन शिकायतों का जनहित या समाज हित से कोई संबंध नहीं था। अधिकतर शिकायतों में निर्माण कार्य, पंचायत के बंद होने या सचिव और सरपंच की झूठी शिकायतों का हवाला दिया गया था।
जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद शिकायतकर्ताओं की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार की गई और दमोह कलेक्टर के पास भेज दी गई है। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि कलेक्ट्रेट से पत्र मिलने के बाद अप्रैल से सितंबर तक की शिकायतों का डेटा इकट्ठा किया गया। कुल 29 ऐसे शिकायतकर्ता सामने आए, जो लगातार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज कराते रहे। इनमें फर्जी मजदूरों और निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी का हवाला अधिकतर पाया गया। आगे की कार्रवाई दमोह कलेक्टर के माध्यम से की जाएगी।
दमोह कलेक्टर ने ब्लॉक अधिकारियों से जानकारी मांगी
दमोह कलेक्टर ने ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से जानकारी एकत्रित करना शुरू कर दिया है। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने लगातार शिकायत करने वाले 29 व्यक्तियों की सूची तैयार कर इसे दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर को भेजा है। ये लोग ऐसी शिकायतें दर्ज कराते रहे हैं, जिनका उस योजना से कोई वास्तविक संबंध नहीं है।
26 सितंबर को दमोह कलेक्टर ने जिले के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र जारी किया था। इसमें उनसे कहा गया कि यदि आपके विभाग में कोई ऐसे व्यक्ति हैं जो बार-बार शिकायत करते हैं या शिकायत करना उनकी आदत बन गई है, तो उनके नाम, फोन नंबर और शिकायतों का विवरण सहित सूची तैयार करके भेजें। इसके बाद मनीष बागरी ने ऐसे लोगों की पूरी सूची तैयार की, जिसमें उनके नाम और दर्ज शिकायतों की संख्या शामिल है, और इसे कलेक्टर को सौंप दिया गया।