जयराम शुक्ल
4 दिसम्बर 1971 का दिन भारतीय नौसेना के पराक्रम का दिवस था जब हमारे लड़ाकों ने पाकिस्तानी पंडुब्बियों का विध्वंस करते हुए..कराँची के मुहाने तक प्रलयनाद को पहुचाया। गर्व के उस दिन को हर साल नौसेना दिवस के तौरपर मनाया जाता है। हमारी नौसेना के अदम्य साहस का ही प्रतिफल था कि अमेरिका के सातवें बेड़े ने रास्ते से ही लौटने में भलाई समझी।
हम विंध्यवासियों के लिए गर्व का विषय यह भी है की नेवी की एक लड़ाकू फ्लीट का शुभंकर ‘ह्वाइट टाइगर है’। इस फ्लीट के लड़ाकों को ह्वाइट टाइगर्स कहते भी हैं। अथाह समुद्र की लहरें और उन पर तैरते युद्धपोत मुझे हमेशा रोमांचित करते रहे। पिछले वर्ष ZeeNews के योद्धा रिपोर्टर Krishna Mohan Mishra ने आईएनएस विराट पर जिस तरह भावपूर्ण रिपोर्टिंग पेश की यकीन मानिए आंखें भर आई। संदर्भ था आईएनएस विराट की नौसेना से विदाई का।
मेरी स्मृति में पुरानी यादें ताजा हो आई। वर्ष 1984 में मैं गया तो मुम्बई नवभारत टाइम्स में ट्रेनीज के लिए पर जाना नेवी की जिंदगी को करीब से। बात ये थी कि जबलपुर के मेरे मित्र Satish Singh नेवी में आईएनस विक्रांत में तैनात थे और मैं उनका मेहमान था। सतीश विक्रांत में रहते भी थे लिहाजा मेरे रहने की व्यवस्था नेवीनगर में अपने साथी के फ्लैट में करवा दी।
विक्रांत टाइगर गेट के पास लंगर डाले था। सतीश मुझे विक्रांत घुमाने ले जाते थे। पहली बार जाना कि जहाज में ही पूरी छावनी बसी है। सेलर्स के लिए अलग बैरक तो अधिकारियों के लिए केबिन। वहीं खान.पान मनोरंजन खेल मैदान कैंटीन सब। कभी.कभी तो छह छह महीने यहीं जहाज में ही गुजरते हैं। ऊपर विशालकाय डेक से फाइटर प्लेन कैसे उडान भरते हैं ओर फिर इनके डैने समेटकर किस तरह ट्रैक्टर टोचन करके जहाज में ही बने गैरज में सहेजते हैं यह भी देखा।
विक्रांत के अधिकारियों ने गर्वपूर्वक पराक्रम की कहानियां बताईं। पर यह भी बताया कि..कालापत्थर..फिल्म के उस दृश्य की शूटिंग भी इसी के डेक में हुई थी जिसमें नेवी कैप्टन बने अमिताभ बच्चन का कोर्ट मार्शल किया गया था। विराट की चर्चा उन्हीं दिनों चल रही थी कि रायल ब्रिटिश नेवी का एक वारशिप फ्लीट में शामिल होने वाला है। कोई चार साल बाद जब फिर मुंबई जाना हुआ तो विराट को भरपूर निहारा.देखा। इसके खासियत की विराटता के बारे में भी समझा।
अभी पिछले वर्ष जब ह्वाइट टाईगर पर किताब लिख ही चुका था और वह, छपने की प्रक्रिया मे थी तभी कृष्णमोहन ने जानकारी दी की नेवी के एक लड़ाकू स्क्वैड्रन का नाम ह्वाइट टाइगर्स है, उसका मुख्यालय गोवा में है। संयोग कहें कि आईएनएस विराट का नाम हमारे ह्वाइट टाइगर विराट के नाम पर हैं। विराट विश्व के प्रथम कैप्टिव ह्वाइट टाइगर मोहन की पहली सफेद संतान था।
तभी यह जानकारी मिली कि ह्वाइट टाइगर मोहन की एक संतान को 1967 में इन्डियन नेवी को उपहार स्वरूप दिया गया था और उसे नेवी के हरावल दस्ते का शुभंकर बनाया गया है। कृष्णमोहन ने उस फ्लीट की एक कैप भी मुझे दी। संभवतः यह उन्हें उपहार में मिली थी। बहरहाल जब आईएनएस विक्रांत, विराट जैसे मूक महाबली यांत्रिक योद्धा के गौरव की गाथा सुनने को मिलती है तो छाती गर्व से फूल जाती है…! आज नौसेना दिवस पर सागरों की लहरों की रोमांच से होड़ लेते वीर जवानों को गर्मजोश सलाम।