MP Weather : भीषण ठंड के बीच मध्य प्रदेश के इन जिलों में होगी भारी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट

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मध्य प्रदेश (MP) के मौसम (Weather) में परिवर्तन साफ़ नजर आने लगा है। मानसून और बारिश की प्रदेश से जहां विदाई हो चुकी है, एक बार फिर बारिश की संभावना जताई जा रही है। वहीं प्रदेश के मौसम में अब हल्की गुलाबी ठंड का अहसास शुरू हो चूका है। एक तरफ जहाँ प्रदेश के विभिन्न जिलों में रात का पारा लुढ़कने लगा है, वहीं सुबह और शाम को भी अब ठंडक का दौर शुरू हो चूका है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में रात के समय न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर चूका है, जो कि प्रदेश के मौसम में अच्छी ठंड की शुरुआत मानी जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात की वजह से 12 से 15 दिसंबर के बीच बारिश की संभावना है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में होगी बारिश

मध्य प्रदेश में चक्रवाती तूफान मैंडूस (cyclone mandous) के कारण 12 और 13 दिसंबर को पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में भी हल्की बारिश की संभावना जताई जा रही है. इसमें इंदौर, खंडवा, होशंगाबाद, बड़वानी, उमरिया, दमोह, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, खरगोन, भोपाल, आगर-मालवा, सागर, रीवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, जबलपुर और शहडोल जिले शामिल हैं. अलर्ट के बाद प्रशासन ने कमर कस ली है। वहीं किसानों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है। जिनकी कटी फसल अबी बाहर रखी है उन्हें ध्यान रखने की जरूरत है।

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मौसम विभाग के अनुसार आज का तापमान

मौसम विभाग ने राजधानी भोपाल में आज न्यूनतम तापमान 14 और अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है। साथ ही यहां आने वाले कुछ दिनों तक धुंध भी छाई रहेगी. वहीं रीवा में तापमान 9 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। यहां भी धुंध छाई रहेगी. बात अगर जबलपुर की करें तो आज यहां न्यूनतम 11 और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। यहां आज हल्क बादल भी छाए रहेंगे. वहीं ग्वालियर में तापमान 10 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा और यहां धुंध छाई रहेगी।

मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ का हाल

मौसम विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में दिन का पारा 25 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। सोमवार से दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। वहीं छत्तीसगढ़ के पारे में भी गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है। मौसम वैज्ञानिक लगातार चौबीसों घंटे बादलों, तापमान, हवाओं और चक्रवात का आकलन कर हर दिन मौसम का पूर्वानुमान यानी फोरकास्ट करते हैं। हालांकि कई बार उसके पूर्वानुमान फेल भी हो जाते हैं। यह पूर्वानुमान एक कोड पर बनते हैं। कोड में दिन के मौसम की स्थिति का सटीक आकलन कर डाटा भरा जाता है। इसकी मदद से सुपर कंप्यूटर मौसम का पूर्वानुमान लगाता है।