देवास। प्रदेश (MP) में अतिथि शिक्षकों (Guest Teacher) का भविष्य सुरक्षित नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि न तो सरकार ही इन शिक्षकों के बारे में कोई ठोस निर्णय ले रही है और न ही जनप्रतिनिधियों को शिक्षकों से सरोकार है। अतिथि शिक्षक संघ (Guest Teacher) के कपिल मोदी ने बताया कि अतिथि शिक्षक विगत कई वर्षों से शासकीय शालाओं में अल्प वेतन पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। लेकिन इन शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की तरफ सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
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शासन ने अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कोई योजना नहीं बनाई जिससे कि आज अतिथि शिक्षकों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है । संघ के मोदी ने बताया कि विगत 14 वर्षों से अतिथि शिक्षकों से अल्प वेतन में ही काम लिया जा रहा है वहीं सरकार द्वारा 25 प्रतिशत पद आरक्षित कर दिए गए है यह विसंगतिपूर्ण ही प्रतीत होते है। उन्होने बताया कि उच्च न्यायलय भी गुरुजी की भांति विभागीय परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों के हित में निर्णय दे चुकी है किन्तु मप्र सरकार ने अतिथि शिक्षको के नियमितीकरण हेतु कोई पॉलिसी नहीं बनाई । करीब 70 हजार अतिथि शिक्षक मध्यप्रदेश में कार्यरत थे अब बहुत से नई भर्ती के कारण बेरोजगार हो गए हैं।
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इस आदेश से ओर हालत खराब
हाल ही में शासन ने सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को कम से कम 6 पीरियड पढ़ाने के आदेश जारी किए है। स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा एक शाला एक परिसर के तहत आए शिक्षकों को यह निर्देया दिए है और ऐसी स्थिति में अब सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करना पड़ेगी। सवाल यह भी है कि अभी जिन स्कूलों में अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे है क्या वे भी इस नई व्यवस्था से बाहर कर दिए जाएंगे।