MP News: स्कूल शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, पढ़ाई जाएंगी तेलगु, मराठी और पंजाबी भाषा

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भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग (MP School) ने एक बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि, अब मध्य प्रदेश के स्कूलों में अब हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत के अलावा और भी कई भाषाओं का ज्ञान दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि, देश के दक्षिण प्रदेशों में राष्ट्र भाषा हिंदी (Hindi Language) का विरोध जताया जा रहा है। जिसको देखते हुए अब मध्यप्रदेश (MP) में अन्य भाषाओं को पढ़ाने का फैसला लिया गया है। साथ ही इन भाषाओं को प्रयोग के तौर पर लागू किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने यह बड़ा फैसला रविवार को लिया है।

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साथ ही इस फैसले की जानकारी देते हुए एमपी के स्कूल शिक्षा मंत्री (school education minister) ने ट्वीट किया। ट्वीट के जरिए एमपी स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार (Inder singh parmar) ने कुछ सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि तेलगु क्यों नहीं सीखनी चाहिए, मराठी क्यों नहीं सीखनी चाहिए, पंजाबी क्यों नहीं सीखनी चाहिए? सभी राज्यों की भाषाएं मप्र का विद्यार्थी क्यों नहीं सीख सकता? उन्होंने सवाल उठाया है कि भाषा जोड़ने का आधार क्यों नहीं बन सकती? उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश नया प्रयोग करने जा रहा है हमने 52 जिलों में 53 स्कूलों का चयन किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस संबंध में गति से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि, कोशिश है कि देश के अलग अलग कोनों में बोले जाने वाली 7-8 भाषाओं का ज्ञात विद्यार्थियों को मिले।

https://twitter.com/Indersinghsjp/status/1495362984050266115?s=20&t=Qp2kXgERs9Oufj6ZNk62xA

स्कूल शिक्षा मंत्री ने आगे इन भाषाओं को पढ़ाए जाने का मुद्दा रखते हुए कहा कि, जैसे एमपी का विद्यार्थी अगर तमिल जानता है तो तमिलनाडु में जाकर उनकी भाषा में उनसे बात करेगा, तो वहां के लोगों को लगेगा कि हिंदी भाषी लोग हमारी मातृभाषा का सम्मान करते हैं। तो स्वाभाविक रूप से हिंदी के प्रति उनका सम्मान बढ़ेगा और हिंदी के प्रति उनका विरोध स्वाभाविक रूप से खत्म हो जाएगा इसलिए हिंदी भाषी राज्यों को यह जिम्मेदारी बनती है। मप्र देश का हृदय स्थल है और मप्र देशभर में पहला राज्य होगा, जहां अन्य राज्यों की भाषाओं को सिखाने का यह प्रयोग होगा।