MP News: आंगनवाड़ी घोटाले में एक और कर्मचारी पर शिकंजा कसा

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भोपाल: मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी सहायिका मानदेय घोटाले के मामले में एक और कर्मचारी पर शिकंजा कसते हुए उसे बर्खास्त कर दियाा गया है। मामले की जांच आगे जारी है तथा बताया जा रहा है कि जल्द ही अन्य कुछ कर्मचारी भी मामले में लिप्त पाए जा सकते है। फिलहाल महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. रामराव भोंसले ने घोटाले में लिप्त क्लर्क दिलीप जेठानी को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए है।

(मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने जनवरी 2022 के पहले सप्ताह में इसी घोटाले में आरोपित महिला बाल विकास विभाग के दो अधिकारी राहुल संघीर और कीर्ति अग्रवाल की बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी है। हाई कोर्ट जबलपुर से स्थगन होने के कारण परियोजना अधिकारी मीना मिंज, बबीता मेहरा और नईम खान की जांच भी अधूरी है।

मानदेय घोटाला क्या

वर्ष 2014 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं का मानदेय बाल विकास परियोजनाओं से आहरित करने पर रोक लगा दी गई है। मानदेय वितरण की जिम्मेदारी जिला परियोजना अधिकारी को सौंपी गई थी। फिर भी ये अधिकारी ग्लोबल बजट से राशि निकालते रहे और दस्तावेजों में कार्यकर्ता-सहायिकाओं को मानदेय का भुगतान बताते रहे। जबकि मानदेय का भुगतान जिला कार्यालय अलग से कर रहा था। आरोपित यह राशि चपरासी, कार्यालय में पदस्थ कंप्यूटर आपरेटर, दोस्तों और रिश्तेदारों के बैंक खातों में जमा कराते थे और बाद में बांट लेते थे। उच्च स्तर पर जांच के बाद पकड़े गए इस मामले में संबंधि‍तों के खिलाफ विभाग ने विभिन्न थानों में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।