इंदौर। हमारे शास्त्रों में यह कहीं नहीं बताया गया है कि सारे बंधन स्त्री के लिए है. सारे बंधन स्त्री के लिए नहीं है बंधन पुरुषों के लिए भी है। पिछले हजार – दो हजार वर्षों में कई लोगों ने हमारे शास्त्र पुस्तकों से छेड़खानी की है तथा उसमें स्त्री के चरित्र को लघु एवं निकृष्ट करने का प्रयास किया है.
यह बात महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज ने ग्राम राजपुरा में चल रही श्रीराम कथा के अंतर्गत पांचवें दिन उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कही। संत प्रवर कहते हैं की वासनाओं पर विजय प्राप्त कर जो मनुष्य परमात्मा का चिंतन करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। सोलह संस्कारों का निरंतर पालन ही मनुष्य के जीवन का सही आदर्श है। आपने कहा कि अगर सारे बंधन स्त्री के लिए होते तो प्रभु सारी शक्तियां स्त्रियों को समर्पित नहीं करते। लक्ष्मी, सरस्वती एवं दुर्गा में विश्व की सारी शक्तियों का वास है। धन, ज्ञान एवं शक्ति का संचय भगवान ने इन स्वरूपों में स्त्री को ही प्रदान किया है।
उत्तम स्वामी ने कहा कि आप संसाधनों प्रतिस्पर्धा और विजय की कामना के लिए दिए रोते हो, संपूर्ण संसार के सुख प्राप्त करने के लिए रोते हो,लेकिन उससे कभी कुछ नहीं हासिल होने वाला। अगर आपको रोना ही है तो भगवान राम के लिए रोक कर देखिए परमपिता परमात्मा की प्राप्ति आपको सहज सरल रूप में हो जाएगी।
कथा प्रसंगों की मीमांसा करते हुए संत प्रवर कहते हैं कि आपने मनुष्य ने संसार के लिए बहुत समय दिया कभी सत्संग के लिए भी समय देकर जरूर देखें, आपका जीवन परिवर्तित हो जाएगा। आपने आवाहन किया कि अपने गुरु के चयन में पर्याप्त सतर्कता बरतें क्योंकि आजकल गुरु बहुत घूम रहे हैं। वे कहते हैं ऐसा करने से कृपा आ जाएगी। यह लोग सच्चे गुरु नहीं है बल्कि गुरु घंटाल है। ध्यान दीजिए – पांच – दस हजार में राहु केतु ठीक नहीं होंगे। निरंतर राम नाम का जाप करते रहें, आपके सारे ग्रह आपकी परिक्रमा करेंगे। आपने कहा कि संत वह है जो आपको सन्मार्ग पर ले जाए सत्य का मार्ग प्रशस्त करें। उत्तम स्वामी ने कहा कि गरीब के मुख में अन्य दे दीजिए आपके सभी कष्ट सभी रोग और सभी दुख दूर हो जाएंगे। कथा प्रसंग के दौरान एक घटना का वर्णन करते हुए संत प्रवर कहते हैं कि अपने ग्रहों की पूजा करने, उस पर धन खर्च करने से संतान की प्राप्ति नहीं होगी बल्कि पीड़ित वंचित लोगों का पेट भरने से उन की दुआओं से उनके आशीर्वाद से संतान की प्राप्ति की जा सकती है। संत श्री कहते हैं सर्वप्रथम अपने माता पिता को प्रणाम करो परमात्मा की प्राप्ति सहज सरल हो जाएगी यह हमारा शास्त्र कहता है। पापों का विनाश संत चरणों की सेवा करने से होता है।
आज व्यासपीठ का पूजन पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, कमिश्नर सेल्स टैक्स एसबी सिंह, बालमुकुंद गौतम, महामंडलेश्वर दादू महाराज, महेश तोतला भरत तोतला, द्वारकेश राठी, महेश हेड़ा, एमआईसी मेंबर शांता झंवर, मनीष बिसानी, अक्षत झंवर, गोपाल कृष्ण जाखेटिया, मनोज जाखेटिया, मनीष जाखेटिया आदि ने किया।
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की गई
कथा प्रसंग के पूर्व आज गांव के सबसे बड़े मंदिर में विधि विधान से राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की गई। विद्वान पंडितों के मार्गदर्शन में मुख्य यजमान केदारमल राजकांता जाखेटिया ने पूजा अर्चना संपन्न की। भगवान की महाआरती भी संपन्न हुई तथा अंत में उपस्थितजनों में प्रसाद भी वितरित किया गया।
यज्ञ स्थल पर आहुतियां देने के पश्चात् राम लक्ष्मण जानकी की मूर्तियों का पूजन कर प्राण प्रतिष्ठा हेतु पूरे गाँव का भ्रमण कराया गया जिसमें बाजे, रथ, बग्गी के साथ पूरे गाँव के लोग भगवान की अगवानी मे नाच रहे
थे। ग्रामीणजन ने केदारमल जाखेटिया को कंधे पर बैठाकर लोग गदगद हो रहे थे। 3 घँटे भ्रमण के बाद मंदिर पहुँच कर आतिशबाजी के साथ भगवान श्री राम की आगवानी हुई। पूरे गाँव मे दिवाली जैसा उत्सव मना। मंदिर पहुँचकर पहले बड़े शिखर पर बड़े कलश की स्थापना हुई फिर छोटे कलश की स्थापना की गई।
शाम को पूरे गांव में दिवाली मनाई गई
कथा प्रसंग के दौरान आज कथा पंडाल सहित पूरे गांव में दीवाली मनाई गई। पंडाल को सैकड़ों दीयों से सजाया गया। गांव के हर घर में दिए लगाए गए।
संत प्रवर 9 मई को हनुमान चरित्र की कथा कहेंगे
मीडिया प्रभारी रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि 9 मई को कथा प्रसंग के अनुसार संत प्रवर भगवान हनुमान चरित्र की विवेचना करेंगे तथा लंका कांड की कथा कहेंगे। कथा दोपहर 3:00 से शाम 6:00 बजे तक जारी रहेगी।