इंदौर। महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर के अधीन नेत्र चिकित्सालय स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई अपने उद्देश्य की पूर्ति की ओर लगातार प्रगतिरत है। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देशन में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई चिकित्सालय में 31 मार्च 2022 से ओपीडी की सेवा प्रारंभ की गई थी। ओपीडी के प्रारंभ से लेकर अब तक 2 हजार से अधिक नेत्र रोगी चिकित्सालय में परीक्षण का लाभ उठा चुके है। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कहा है कि इंदौर में यह उत्कृष्ट सुविधाओं वाला सरकारी नेत्र चिकित्सालय है जिसका सभी नागरिकों को लाभ लेना चाहिये।
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में अब तक हुई सर्जरी
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई में पिछले कुछ माह से नेत्र सर्जरी भी शुरू कर दी गई है। चिकित्सालय में प्रथम केटरेक्ट सर्जरी 28 मई 2022 को हुई थी। इसके बाद चिकित्सालय द्वारा दिन प्रतिदिन अलग-अलग नेत्र रोग निदान संबंधी शल्यक्रिया की जा रही है। चिकित्सालय में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद दो टेरिजीयम, दो केटरेक्ट, एक ऐमनियोटिक मेब्रेन ट्रांसप्लांट, एक ओक्युलोप्लास्टी (भेंगापन/स्क्वींट), एक रेटिना (आंख के पर्दे के विकारों से संबंधित), चार एनडी याग लेजर प्रोसीजर एवं एक फेको पद्धति द्वारा केटरेक्ट, एक केलेजियोन, दो ब्लिफरोस्पास्म एवं चेहरे एवं आंखों की पलक के उपचार हेतु दो बोटुलिनियम इंजेक्शन (बोटोक्स) द्वारा उपचार किया जा रहा है। इसी तरह चिकित्सालय में अब तक 35 से अधिक सर्जरी की जा चूकी है।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. संजय दीक्षित ने बताया है कि स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई को देश का उत्कृष्ट नेत्र चिकित्सालय बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा भी स्कूलों के चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए शुभकामनाएं भी दी गई हैं।
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चिकित्सालय द्वारा प्रति वर्ष 50 हजार से अधिक मरीजों का इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित
नेत्र चिकित्सालय के सुपरिटेंडेंट डॉ. डी.के. शर्मा द्वारा बताया गया है कि स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई द्वारा नेत्र परीक्षण एवं सर्जरी हेतु स्टेट ऑफ आर्ट मशीन एवं आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही है। लगभग 40 करोड़ की लागत से बने इस चिकित्सालय में 50 बेड की क्षमता है जिसमें 5 एनआईसीयू बेड है, 6 ओटी तथा 10 पोस्ट ऑपरेटिव केयर बेड हैं। चिकित्सालय का लक्ष्य है कि यहां प्रतिवर्ष 10 हजार सर्जरी तथा 50 हजार से अधिक मरीजों का इलाज किया जा सके। इसी के साथ ही चिकित्सालय में आंखों की विभिन्न उप-विशेषताओं में पोस्ट पीजी फेलोशिप के रूप में आंखों की देखभाल में प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करने का भी कार्य किया जा रहा है।
नेत्र चिकित्सालय में मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सके इसके लिए संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा नियमित रूप से निर्माणकाल के दौरान चिकित्सालय भवन का निरीक्षण किया गया तथा चिकित्सकों की बैठक भी ली गई। चिकित्सालय को उपचार हेतु जरूरी संसाधनों और इक्विपमेंट्स के लिए लगभग 18 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया गया था। जिसमें से अभी तक 7.27 करोड़ रूपये के उपकरण चिकित्सालय द्वारा ले लिए गए हैं तथा अन्य उपकरण की टेंडर प्रक्रिया प्रचलन में है। नेत्र चिकित्सालय में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को निशुल्क चिकित्सा सेवा भी प्रदान की जा रही है।
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई का उद्देश्य है कि यह आने वाले समय में प्रदेश का ऐसा पहला चिकित्सालय बने जहां लसिक (कॉर्निया रिफ्रैक्टिव सर्जरी) सर्जरी की सुविधा प्रदान की जाए। इसी के साथ ही मोबाइल वाहन के जरिए ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में नेत्र रोगियों के लिए विशेष कैंप्स भी आयोजित किए जाएं।