बिहार चुनाव में एमपी के 25 IAS और 3 IPS अधिकारियों को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी, देखें पूरी लिस्ट

Author Picture
By Pinal PatidarPublished On: October 5, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुचारु संचालन के लिए देशभर से 425 अधिकारियों को ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। इन अधिकारियों में 287 आईएएस, 58 आईपीएस और 80 अन्य सेवा के अधिकारी शामिल हैं। उद्देश्य यह है कि चुनाव के हर चरण पर पूरी निगरानी की जा सके और किसी प्रकार की अनियमितता न हो।

मध्यप्रदेश के अधिकारी भी शामिल


इन 425 अधिकारियों में मध्यप्रदेश से कुल 28 अधिकारी शामिल हैं। इनमें 25 आईएएस अधिकारियों और 3 आईपीएस अधिकारियों को विशेष रूप से पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है। इन अधिकारियों को बिहार भेजने से पहले दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में हिस्सा लिया गया। इस प्रशिक्षण में उन्हें चुनाव प्रबंधन, मतदाता सुरक्षा और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

अधिकारियों की सूची

मध्यप्रदेश से चयनित आईएएस अधिकारियों में प्रमुख नाम इस प्रकार हैं: शोभित जैन, सोनाली वायंगकर, विवेक कुमार पोरवार, पी. नरहरि, डॉ. संजय गोयल, रघुराज एमआर, जीवी रश्मि, मदन नागरगोजे, स्वतंत्र कुमार सिंह, भरत यादव, अभिषेक सिंह, अजय गुप्ता, अमित तोमर, अविनाश लवानिया, प्रीति मैथिल, अनुराग चौधरी, कर्मवीर शर्मा, तरुण राठी, गौतम सिंह, गिरीश शर्मा, हरजिंदर सिंह, सरिता बाला, वीरेंद्र कुमार, राहुल हरिदास और कुमार पुरुषोत्तम।

ऑब्जर्वरों की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ

चुनाव आयोग ने ऑब्जर्वरों को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया है। आईएएस अधिकारियों को सामान्य चुनाव पर्यवेक्षक, आईपीएस अधिकारियों को सुरक्षा पर्यवेक्षक और आईआरएस व अन्य सेवा के अधिकारियों को वित्तीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया है। इनके कर्तव्य मतदान केंद्रों की निगरानी, कानून व्यवस्था बनाए रखना और चुनाव के दौरान सभी गतिविधियों की रिपोर्टिंग करना हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त का निर्देश

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने ऑब्जर्वरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव आयोग की “आंख और कान” बनकर काम करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे चुनावी दौरे के दौरान प्राप्त सभी जानकारी और घटनाओं की रिपोर्ट समय पर साझा करें। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करना और मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखना है।

चुनाव की घोषणा होते ही शुरू होगा काम

जैसे ही बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा होगी, ये पर्यवेक्षक तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में काम शुरू कर देंगे। वे मतदान केंद्रों से लेकर प्रशासनिक गतिविधियों और सुरक्षा व्यवस्था तक हर पहलू पर नजर रखेंगे। इसके अलावा, सभी गतिविधियों और दौरे की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश भी उन्हें दिया गया है, ताकि चुनावी प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बनी रहे।