मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी है, जबकि मानसून की वापसी के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो रही है। हालाँकि, शनिवार को दिनभर बारिश नहीं हुई, जिससे मौसम में बदलाव आया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणालियाँ सक्रिय हैं, जिसके कारण दक्षिण मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
इंदौर, भोपाल, नर्मदापुरम और जबलपुर के जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। अरब सागर में बना गहरा कम दबाव का क्षेत्र अब महाराष्ट्र के तट से दूर जा रहा है, जिससे आने वाले दिनों में बारिश की गतिविधियों में कमी आ सकती है। हालाँकि, अगले तीन-चार दिनों तक बादल छाए रह सकते हैं और हल्की बारिश की संभावना बनी रह सकती है। शनिवार को बारिश के कारण प्रदेश का अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो मंडला में दर्ज किया गया।
भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने रविवार के लिए बैतूल, खरगोन, बड़वानी और धार जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। साथ ही, अन्य कई जिलों में तेज हवाओं की भी संभावना है। दशहरे के दिन भी प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश हुई, जिससे रावण के पूतले भीग गए।
मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, पूर्व मध्य अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है, जो पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ सकता है। 13 अक्टूबर की सुबह तक, यह क्षेत्र मध्य अरब सागर में डिप्रेशन में तब्दील हो सकता है। इसके अतिरिक्त, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर भी एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है। इन मौसमी परिस्थितियों का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल सकता है। इस प्रकार, मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश ने किसानों के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं, और उनकी चिंता बढ़ती जा रही है।