राज-काज..

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: July 19, 2021

0 बिसाहू से नाराज हो गई मंडला की भाजपा….


– कांग्रेस छोड़कर आए कई नेता अब तक भाजपा नेताओं के साथ तालमेल नहीं बैठा पाए हैं। लिहाजा, कई जगह असहज हालात बन रहे हैं। मंत्री बिसाहूलाल सिंह जैसे वरिष्ठ आदिवासी नेता को ही लीजिए, उन्हें मंडला जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। बिसाहू की गिनती पहले से ही अफसरों को ज्यादा तवज्जो देने वाले नेताओं में होती रही है। प्रभारी मंत्री बनने के बाद मंडला के पहले दौरे में भी उन्होंने ऐसा ही किया। सरकिट हाउस में उन्होंने एसपी, कलेक्टर सहित अफसरों को आजू-बाजू बैठाया लेकिन जिलाध्यक्ष सहित भाजपा के किसी नेता को महत्व नहीं दिया। उनसे सीधे मुंह बात तक नहीं की। कह दिया, आप लोग पार्टी कार्यालय चलिए, वहीं मिलते हैं। बिसाहू की इस बात से मंडला के भाजपा नेता नाराज हो गए। खुद को अपमानित महसूस किया। पार्टी जिला कार्यालय में बिसाहू के स्वागत में कार्यक्रम रखा गया था। नेता-कार्यकता सीधे पार्टी कार्यालय पहुंचे और स्वागत के लिए आयोजित होने वाला कार्यक्रम ही रद्द कर दिया। इसकी सूचना बिसाहू सहित पार्टी के प्रदेश नेतृत्व तक पहुंचा दी। बिसाहूलाल वरिष्ठ नेता हैं। उनमें तो इतनी समझ होना चाहिए कि जिस पार्टी में आकर मंत्री बने हैं, उसके नेताओं-कार्यकर्ताओं के सम्मान का पहले ख्याल रखें।

0 विजय शाह ने अफसरों को बता दी हैसियत….

– मंडला में बिसाहूलाल सिह अफसरों पर गलबहियां डालकर भाजपा नेताओं को नाराज कर रहे थे तो दूसरी तरफ वन मंत्री विजय शाह सतना में अफसरों को उनकी हैसियत बता रहे थे। बिसाहू की तरह विजय शाह भी प्रभार के जिले सतना पहले दौरे पर गए थे। वहां प्रोटोकाल के तहत अफसर उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचे तो विजय शाह भड़क गए। उन्होंने कहा कि आप लोग कार्यक्रम में पहुंचिए वहां बताता हूं। इसके बाद शाह ने सार्वजनिक तौर पर अफसरों को खरी-खोटी सुनाई। उनके काम के तरीके पर सवाल उठाए। वे यहां तक कह गए कि लगता है यहां के सारे अफसर कांग्रेस नेता राहुल भैया (अजय सिंह) की पसंद के हैं। कहने का मतलब यह कि कांग्रेस से भाजपा में आए मंत्री बिसाहूलाल अफसरों को तवज्जो देकर भाजपाईयों की उपेक्षा कर रहे थे तो विजय शाह अफसरों को फटकार लगाकर सतना में दबंग मंत्री की छाप छोड़ रहे थे। इस तरह प्रभार के जिलों में मंत्रियों के दौरे में अलग-अलग नजारे देखने मिल रहे हैं। गोविंद राजपूत भिंड पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ था। अचानक दौरा छोड़कर वे गंजबासौदा हादसा स्थल पहुंच गए। अब वे प्रभार के अपने दूसरे जिले के दौरे पर हैं। साफ है, प्रभार के जिलों के दौरे में मंत्रियों को सतर्क रहने की जरूरत है।

0 क्या है सोनिया-कमलनाथ मुलाकात का सच….

– कमलनाथ एक बार फिर चर्चा में हैं। वजह है कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में हुई उनकी मुलाकात। बातचीत लगभग एक घंटे तक चली। हर कोई मुलाकात का सच जानने की कोशिश में है। चर्चा चली कि उन्हें पार्टी का अंतरिम अथवा कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाने वाला है। कांग्रेस के सूत्र इस खबर को महज अटकलबाजी ठहराते हैं। एक पदाधिकारी का कहना था कि कमलनाथ से राहुल गांधी नाराज हैं। कांग्रेस के प्रदेश की सत्ता से बेदखल होने के लिए उन्हें जवाबदार माना जा रहा हैं। लिहाजा पार्टी इस उधेड़बुन में है कि कैसे कमलनाथ को मप्र की राजनीति से दूर किया जाए। कमलनाथ की सोनिया गांधी से मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। कमलनाथ को बिना महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपे प्रदेश से हटाया गया तो वे भी असंतुष्ट नेताओं की कतार में शामिल हो सकते हैं। इसलिए बातचीत कमलनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर जवाबदारी सौंपे जाने पर ही केंद्रित बताई जा रही है। दरअसल, कमलनाथ पूरी तरह से प्रदेश छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। नेतृत्व उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाना चाहता है। कमलनाथ नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष का पद नहीं। इस खींचतान की वजह से फिलहाल बातचीत बिना नतीजा खत्म होने की खबर है।

0 आश्चर्यजनक किंतु सत्य, साध्वी-मसूद के एक सुर….

– भोपाल में एक आश्चर्यजनक किंतु सच घटना घटित हो गई। शाहपुरा के एक प्राचीन देवी मंदिर को बचाने भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एवं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद एक पक्ष में खड़े ही नहीं हुए, एक सुर में आवाज भी उठाई। शाहपुरा के इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। नगर निगम ने मंदिर के एक हिस्से को तोड़ने का नोटिस दिया था। मामला साध्वी प्रज्ञा के संज्ञान में आया। वे पहुंची और मंदिर को न तोड़ने के निर्देश दिए। बावजूद इसके नगर निगम का अमला अगली सुबह ही मंदिर का एक हिस्सा तोड़ने पहुंच गया। उसने कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त भी किया। खबर मिलते ही साध्वी प्रज्ञा और क्षेत्रीय विधायक आरिफ मसूद मौके पर पहुंच गए। दोनों ने मंदिर तोड़ने का विरोध किया। बात नगरीय प्रशासन एवं जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह तक पहुंची। उनके हस्तक्षेप से तोड़फोड़ की कार्रवाई रुकी। खबर है कि साध्वी ने इसकी शिकायत संघ नेताओं से की है। दूसरी तरफ आरिफ मसूद ने जिला पंचायत की बैठक में कहा कि मेरे क्षेत्र में किसी धार्मिक स्थल को तोड़ने की कार्रवाई मेरी जानकारी में लाए बगैर कैसे की गई। इससे सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हो सकती थी। जानने की कोशिश हो रही है कि आखिर, किसके कहने पर अमला मंदिर में तोड़फोड़ करने पहुंचा।

0 मंत्री बनते ही प्रथ्वीपुर में वीरेंद्र की परीक्षा….

– जैसे दमोह विधानसभा सीट के उप चुनाव में केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद प्रहलाद पटेल की प्रतिष्ठा दांव पर थी, वे इस चुनौती का मुकाबला करने में असफल रहे थे, वही हालात हाल ही में केंद्रीय मंत्री बने वीरेंद्र कुमार के सामने हैं। वीरेंद्र टीकमगढ़ सीट से सांसद हैं। इसके अंतर्गत आने वाले प्रथ्वीपुर विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव होना है। यह सीट कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन से खाली हुई है। चुनौती इसलिए बड़ी है क्योंकि प्रहलाद दमोह में हार की वजह से अपना डिमोशन करा चुके हैं। वीरेंद्र के साथ ऐसा कुछ न हो, इसके लिए जरूरी है कि पृथ्वीपुर में भाजपा जीते। हालांकि दमोह एवं पृथ्वीपुर में फर्क यह है कि दमोह में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राहुल लोधी के कारण सीट खाली हुई थी। भाजपा ने अपने दिग्गज जयंत मलैया को दरकिनार कर राहुल को ही पार्टी प्रत्याशी बनाया था। पृथ्वीपुर में कांग्रेस विधायक रहे बृजेंद्र सिंह राठौर का अच्छा दबदबा रहा है। कांग्रेस को सहानुभूति का लाभ भी मिल सकता है। इस चुनौती से वीरेंद्र कैसे निबटते हैं, यह वक्त बताएगा। यहां उनकी मदद के लिए भाजपा के एक और दिग्गज गोपाल भार्गव भी होंगे। उन्हें निवाड़ी जिले का प्रभारी मंत्री बनाया है। पृथ्वीपुर निवाड़ी जिले का हिस्सा है।
———

दिनेश निगम ‘त्यागी’