पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि कमलनाथ जैसे नेता की मध्यप्रदेश को जरूरत है। उन्होंने संगठन को मजबूत भी किया है। चुनाव से साफ हो गया कि कांग्रेस मजबूत हुई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पचौरी बोले कि संगठन तो मजबूत है। हम सौभाग्यशाली है कि कमलनाथ जैसे अनुभवी नेता मध्यप्रदेश को मिले हैं। कमलनाथ में प्रशासनिक निर्णय लेने की क्षमता जबर्दस्त है। इस बात का लोहा विरोधी पार्टी के नेता भी मानते हैं। जब उनसे पूछा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष में से कोई एक पद छोडऩे की बात आ रही है, तो पचौरी ने कहा कि इसका फैसला कमलनाथ और सोनिया गांधी को करना है। कमलनाथ के गांधी परिवार से घनिष्ठ संबंध हैं, जो भी फैसला लेंगे दोनों मिलकर लेंगे। कांग्रेस लोगों का विश्वास जीतने के लिए कमलनाथ के अगुवाई में काम कर रही है।
कांग्रेस में छोटे नेताओं की पूछ-परख नहीं होती, इस तरह की शिकायतें लगातार रही हैं, तो पचौरी बोले कि इस तरह की शिकायतें तो भाजपा में ज्यादा हैं। वहां भी नीचे से लेकर ऊपर तक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बयान आते रहते हैं। मंत्रियों की नाराजगी सामने आती रहती है। संगठन के बड़े नेता भी सरकार से नाराज हैं। ऐसी बात नहीं है कि भाजपा में ऑल इज वेल चल रहा है। इंदौर में भी भाजपा में बहुत झगड़े हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सवाल पूछा, तो कहने लगे सिंधिया के और गांधी परिवार के गहरे रिश्ते हैं। सिंधिया ऊर्जावान और प्रतिभावान हैं, मैं अनावश्यक रूप से राजनीति में किसी की आलोचना नहीं करता। इस बात की पीड़ा सभी कार्यकर्ताओं के मन में है कि काफी संघर्ष के बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी, लेकिन वो ध्वस्त हो गई। इसके कारणों पर कई बार चर्चा होती रही है। एक समय सुरेश पचौरी इतने ताकतवर थे कि राष्ट्रपति भवन में कौन अधिकारी रहेगा या नहीं रहेगा, इसका फैसला करते थे, इस सवाल के जवाब में वे कहने लगे कि मैं क्रामिक मंत्रालय का मंत्री था, इसलिए मेरे पास अधिकारियों की पदस्थापना की फाइलें आती थीं। नियमानुसार ही पोस्टिंग होती थी।
राष्ट्रपति भवन से जो नाम आते थे, उनकी नियुक्ति की जाती थी। लम्बे समय बाद इंदौर आए पचौरी ने कहा कि मोदी के खिलाफ कई फैक्टर काम कर रहे हैं। महंगाई, बेरोजगारी से लोग नाराज हैं। मोदी सरकार अगला लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी। पूर्व मंत्री महेश जोशी के घर पहुंचे पचौरी ने कहा कि मेरी राजनीति कॅरियर की जब शुरुआत हुई, तब युवक कांग्रेस में महेश जोशी का दौर था, तब मैं युवक कांग्रेस का ब्लॉक अध्यक्ष था। मैं उनकी संगठन क्षमता का कायल रहा हूं। जब भी कोई जरूरी सुझाव मुझे लेना होते थे, तो मैं उनके पास जाता था। हर कार्यकर्ता के दु:ख में वो शामिल रहते थे। जोशी जैसे नेता बहुत कम होते हैं, जो राजनीति में कोई समझौता नहीं करते।
राजेश राठौर











