कट्टरता की पाठशाला पर लगा अंकुश, जांच में प्राचार्य इनामुल रहमान के साथ 3 गेस्ट फेकल्टी पाए गए दोषी

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By Suruchi ChircteyPublished On: December 9, 2022

नितिनमोहन शर्मा

सरकारी ला कॉलेज में बरसों से चल रही हिन्दू समाज और देश के खिलाफ चल रही कट्टरता की पाठशाला पर अंकुश लग गया है। जांच समिति की रिपोर्ट में इस पूरे मामले में प्राचार्य डा इनामुल रहमान ओर एक प्रोफेसर सहित तीन गेस्ट फेकल्टी दोषी पाए गए। सरकार ने सबको सस्पेंड कर दिया है। गेस्ट फेकल्टी तो अब आजीवन किसी भी सरकारी कॉलेज में अब बतौर अतिथि प्रोफेसर पड़ा नही पाएंगे। सबकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस मैदान में उतर गई है। इनामुल रहमान बीमारी के बहाने फरार हो गए। सबकी तलाश तेज हो गई है।

उधर प्राचार्य इनामुल रहमान को वक्फ़ बोर्ड से बाहर करने की मांग बुलंद हो गई है। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने ये कहते हुए मोर्चा खोल दिया है कि अनेक बिरादरी के पात्र नेताओ के होने के बावजूद रहमान को किसके कहने से बोर्ड में लिया गया? इसकी भी जांच हो। इस मामले में सनवर पटेल और एक मंत्री का नाम सामने आ रहा है।

राष्ट्र विरोधी कृत्य बर्दाश्त नहीं – गृह मंत्री डॉ. मिश्रा

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि किसी भी राष्ट्र विरोधी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विवादित पुस्तक की लेखिका डॉ. फरहत खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।फिलहाल वह पुणे के एक अस्पताल में भर्ती है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि लेखिका डॉ. फरहत खान की एक अन्य विवादित पुस्तक के भी इंदौर शासकीय लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में मिलने की जानकारी मिली है।

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गृह मंत्री ने बताया कि डॉ. फरहत खान द्वारा लिखी गई पुस्तक में राष्ट्र विरोधी कंटेंट पाए जाने के बाद विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। उनके द्वारा लिखी गई एक अन्य पुस्तक की भी जांच कि जा रही है। उसमें भी अगर आपत्तिजनक कंटेंट पाए जाते है तो लेखिका के खिलाफ औऱ भी सख्त कार्यवाही की जाएगी।
ऐसे लेखिका तक पहुंची पुलिस

विवादित किताब मामले में लेखिका डॉ फ़रहत खान पर थाना भंवरकुआ में एफ़आइआर दर्ज होने के बाद उन्होंने मोबाइल बंद कर लिया था। इसके बाद रविवार को देर रात परिवार सहित श्री नगर के घर पर ताला लगा कर फ़रार हो गई। पुलिस टीम को लेखिका की आख़री लोकेशन सेंधवा मिली। लेखिका ने कुछ देर के लिए अपना मोबाइल चालू कर अपने भाई को फ़ोन लगाया और फिर मोबाइल ऑफ कर लिया। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने जानकारी निकाली तो जिस नंबर पर आख़री कॉल हुआ उसकी लोकेशन पुणे निकली। जिस नंबर पर कॉल किया वह नंबर अमजद खान के नाम पर रजिस्टर्ड था।

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जांच में पता लगा की अमजद लेखिका का भाई है। इसके बाद पुलिस टीम पुणे पहुंची। पुलिस ने लेखिका के भाई अमजद को फ़ोन किया । अमजद एक निजी बीमा कंपनी में काम करता है। पुलिस ने ग्राहक बनकर उससे बात की और बीमा कराने के बहाने बुलाया। अमजद ने उन्हें एड्रेस देकर ऑफिस आने के लिए कहा, जहां से पुलिस ने उसे उठा लिया। पूछताछ में उसने लेखिका बहन डॉ फ़रहत के रूबी हॉस्पिटल में एडमिट होने की जानकारी दी। उसे लेकर पुलिस रूबी हॉस्पिटल पहुंची। जहां पुलिस को देख लेखिका डॉ फ़रहत घबरा गई। पुलिस ने उसे नोटिस देकर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।

जांच में ये दोषी साबित हुए

– प्राचार्य डा इनामुल रहमान
– लेखिका डॉ फरहत खान
– प्रोफेसर डॉ मिर्जा मौजिज बेग
– गेस्ट प्रोफेसर अमीन खोकर, सोहेल वाणी, डॉ फिरोज अहमद मीर

जांच में ये साबित हुआ

– विवादित कंटेंट की जानकारी के बाद भी प्राचार्य में पुस्तक लाइब्रेरी से नही हटाई

– फेकल्टी धारा 370 और सेना के खिलाफ कमेंट करती है

– तिलक लगाकर आने वाले स्टूडेंट्स को रोकना टोकना

– सब जानकारी होने के बाद भी प्राचार्य लापरवाह बने रहे