18 साल से छोटी लड़की की शादी रोकी तो मां रोने लगी, फिर हुआ ये बड़ा खुलासा

Piru lal kumbhkaar
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इंदौर। कलेक्टर मनीष सिंह(Collector Manish Singh) के निर्देशन में जिले में बाल विवाह की रोकथाम(prevention of child marriage) के लिए दल गठित कर शिकायत के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। जिले में पिछले 1 सप्ताह में बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता लाडो अभियान ने 4 बालिकाओं के कम उम्र में होने वाले विवाह को समझाइश देकर निरस्त करवाया है।

उड़नदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक ने बताया कि उन्हें परदेशीपुरा स्थित श्यामाचरण शुक्ला नगर में एक नाबालिक बेटी का विवाह होने की सूचना मिली तो वे विशेष किशोरी इकाई थाना परदेशीपुरा के सहायक उपनिरीक्षक रामचंद्र रघुवंशी प्रधान आरक्षक अनिल चतुर्वेदी और लाडो अभियान कोर ग्रुप सदस्य देवेंद्र कुमार पाठक के साथ मौके पर पहुंचे। बालिका का आधार कार्ड व अंकसूची देखने पर पता चला कि उसकी उम्र 17 साल 8 माह हो रही है।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम(Child Marriage Prohibition Act) के अनुसार बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण नहीं होने से उन्होंने परिजनों को समझाइश देकर विवाह निरस्त करने की बात कही। परिजनों ने बताया कि बेटी का विवाह उन्होंने सिरपुर स्थित सहयोग नगर निवासी अकरम के पुत्र असलम के साथ तय किया है। विवाह समाज के सागौर कुटी जिला धार स्थित दरगाह मैदान में होने वाले सामूहिक निकाह समारोह इज्तेमाई शादी मे करने के लिए तैयार थे।

इस दौरान कुछ लोगो ने विरोध किया, किंतु नियमों की जानकारी देने पर सभी मान गए। सभी मेहमान वहीं से बिदा हो गए। पाठक ने वर पक्ष से फोन पर चर्चा कर विवाह रोकने की सूचना दी। वही सामूहिक सम्मेलन के आयोजकों को भी बाल विवाह होने की सूचना देकर उक्त जुड़े का विवाह निरस्त करवाया। उन्होंने बताया कि सामूहिक सम्मेलन में होने वाले विवाह के दौरान नाबालिगों की शादी की संभावना को देखते हुए धार जिले के महिला बाल विकास अधिकारी सुभाष जैन और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह को सूचना देकर सम्मेलन में सभी जोड़ों की आयु के प्रमाण पत्रों की जांच करवाई।

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सम्मेलन में होने वाले कम उम्र के विवाह को निरस्त कराने के साथ ही यदि किसी नाबालिग का विवाह होता है तो सम्मेलन आयोजकों के साथ ही परिजनों के विरुद्ध भी बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की धारा 9 ,10 व 11 के तहत कार्यवाही की बात कही।

उन्होंने बताया कि समझाइश के दौरान बेटी की मां रोने लगी और कहने लगी कि हम बड़ी मुश्किल से गरीबी में बेटी की शादी कर रहे हैं। ऐन वक्त पर शादी रोक देने से हमारा नुकसान होगा । इस पर दल ने उन्हें बताया कि शासन की योजना के अनुसार मुख्यमंत्री कन्यादान व निकाह योजना के तहत बेटियों की शादी कराने के साथ ही सरकार उन्हें गृहस्ती का सामान के लिए अनुदान भी दे रही है।

बेटी के बालिग होने के बाद सामूहिक आयोजन के दौरान शासन की योजना के तहत इस बेटी का निकाह भी करवाएंगे जिससे उनका खर्च नहीं होगा। समझाइश पर सभी मान गए। अब इस नाबालिग बेटी की शादी उसकी आयु 18 वर्ष पूरी होने के बाद करवाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता लाडो अभियान(Flying Squad Lado Campaign Against Child Marriage) कोर ग्रुप द्वारा कई बालिकाओं के कम उम्र में होने वाले विवाह रुकवाने के बाद बेटियों की शिक्षा की व्यवस्था करने के साथ ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत उनके विवाह भी संपन्न करवाए हैं।

पाठक ने बताया कि इसी तरह ग्राम बांक थाना चंदन नगर निवासी आजाद पटेल के दो पुत्रों का विवाह होना था। सूचना के आधार पर दल ने परिजनों को समझाइश दी. अंकसूची के आधार पर उनके बड़े पुत्र की आयु 19 वर्ष और छोटे की आयु 17 वर्ष होने से दोनों के विवाह निरस्त करवाएं। उन्होंने बताया कि पटेल द्वारा अपने बेटों का विवाह देवास में करना तय किया गया था।

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वधू पक्ष की जानकारी देवास के विभागीय अधिकारियों को देकर उनके माध्यम से विवाह निरस्त करवाया गया। उड़न दस्ते के समझाइश देने के तुरंत बाद आजाद पटेल ने विवाह के लिए लगवाए गए मंडप और टेंट को तत्काल हटा दिया। घर में जो मेहमान आए थे उन्हें भोजन कराया अन्य मेहमानों को फोन पर विवाह निरस्त होने की सूचना देकर क्षमा भी मांगी। इस तरह से 1 दिन में उड़न दस्ते ने तीन नाबालिगों विवाह होने से रुकवा दिए।