दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार, 7 जुलाई को आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 15 जुलाई तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए न्यायिक हिरासत बढ़ा दी । पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता को आज राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, 3 जुलाई को दिल्ली की राउज कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया था कि वह आरोपी लोगों को दो दिनों के भीतर पूरक आरोपपत्र और दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराए। अदालत ने सिसोदिया के वकील को दस्तावेजों की जांच करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। इसके बाद कमियों वाले दस्तावेजों के बारे में जानकारी देनी थी।
मई 2024 में दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा कि आरोपी मंत्री जमानत देने लायक मामला नहीं बना पाए हैं। कोर्ट ने कहा, “यह मामला आवेदक द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और जनता के विश्वास के उल्लंघन का है, जो उस समय दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे थे।”
न्यायाधीश ने आगे कहा कि सिसोदिया कथित रूप से महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी शामिल थे। अदालत ने कहा कि तथ्य यह है कि मनीष सिसोदिया एक बहुत शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्री थे, इसलिए सबूत नष्ट करने में उनके हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।