Shani-Guru Yuti : भगवान शिव के प्रिय मास सावन की शुरुआत हो चुकी है। इस बार ग्रहों की चाल एक अति दुर्लभ संयोग का निर्माण कर रही है। दरअसल 500 वर्षों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब न्याय के देवता शनि मीन राशि में वक्री हो रहे हैं।
वही देवगुरु बृहस्पति भी अपने उदित अवस्था में आ रहे हैं। ऐसे में ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह स्थिति बेहद शुभ मानी जा रही है। 13 जुलाई को बनने वाले इस संयोग का असर 28 नवंबर तक रहने वाला है। 140 दिन तक शनि के मीन राशि में वक्री रहेंगे और ऐसे में चार राशियों को मंगलकारी लाभ मिलने वाले हैं।

देवगुरु बृहस्पति के उदित होने का लाभ
जिन चार राशियों को शनि के वक्री रहने और देवगुरु बृहस्पति के उदित होने का लाभ मिलेगा। उनमें
- वृषभ राशि में गुरु धन भाव में है और शनि आय भाव में सक्रिय रहेंगे। ऐसे में आमदनी में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। प्रोफेशनल ग्रोथ देखने को मिलेगा। नए निवेश के अवसर बनेंगे। व्यापार और नौकरी दोनों में लाभ होगा। भगवान शिव की कृपा से आर्थिक चिंता भी दूर होगी।
- मिथुन राशि के लिए गुरु लग्न भाव में और शनि कर्म भाव में वक्री होंगे। ऐसे में भाग्य का साथ मिलेगा। विदेश यात्रा और करियर में बड़ी उछाल की संभावना बन रही है। समाजमें प्रतिष्ठा और सम्मान में बढ़ोतरी होगी। लंबे समय से अटके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं। गरीबों को आटा दान करना सही रहेगा।
- कन्या राशि के लिए गुरु और शनि दोनों की दृष्टि से उन्हें डबल लाभ मिलेगा। मकान और वाहन खरीदने के योग बन रहा है। प्रमोशन या नई नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। बॉस से प्रशंसा और लक्ष्य की पूर्ति में सफलता मिलेगी। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस स्थापित करके चलेंगे। शिव मंदिर में दुर्वा चढ़ाने से लाभ होगा।
- धनु राशि के लिए गुरु सप्तम भाव में और शनि चौथे भाव में वक्री हो रहे हैं। ऐसे में भौतिक सुख सुविधा में बढ़ोतरी होगी। अटके धन की प्राप्ति होगी। नया घर और वाहन खरीदने के संकेत मिल रहे हैं। पुराने विवादों से मुक्ति मिलेगी। पारिवारिक जीवन में शांति और समृद्धि आएगी। पीपल के पेड़ पर तेल चढ़ाना लाभकारी होगा।
दरअसल विशेषज्ञों की माने तो गुरु और शनि का यह संयोग अत्यंत शुभ फलदाई है। सावन के महीने में जब शिव भक्ति अपने चरण पर होती है। यह संयोग धार्मिक साधना, आध्यात्मिक उन्नति और धन संपत्ति में बढ़ोतरी के विशेष अवसर लेकर आ रहे हैं। ऐसे में शिवलिंग पर जल दूध और बेलपत्र चढ़ाना, ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना, शनिवार और गुरुवार को विशेष पूजा करना शुभ रहेगा।
Note : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।